मिली खबरों के मुताबिक हम आपको तिल्का मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में चल रहे भगवाकरण के बारे में बताते हैं जिसके मुख्य सूत्र धार तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति नलिनी कांत झां हैं. जिन्होंने तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में ग्यारह प्रत्याषियों में से नौ प्रत्याषियों की उम्मिदवारी को झूठा आरोप लगा रद्द कर दिया. कुलपति का ये रवैया पूर्णतः समान्तवादी हैं व लोकतंत्र के लिए हानिकारक हैं.
एक तरफ जहां आरोपी एबीवीपी के लड़कों को नामंकन सुरक्षित कर भगवाकरण को बढ़ावा दिया जा रहा हैं वहीं छात्र राजद के प्रत्याषियों को आरोप मुक्त होने के बावजूद उनका नामांकन रद्द कर दिया गया हैं. इसके पश्चात छात्र राजद ने आज पटना स्थित अपने पार्टी कार्यालय में बैठक कर मांग की हैं कि विश्वविद्यालय कैम्पस में लोकतंत्र बहाल करने के लिए अतिशीघ्र चुनाव रद्द किया जाय एवं शीघ्र ही नामांकन व चुनाव की नई तिथि घोषित की जाए|