२०१४ में अगवा हुए ३९ भारतीयों को इराक के मोसुल में बंधक बना कर मार डाले गए भारतीय मजदूरों के शव भारत आ गए हैं.
विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह विशेष विमान से शव लेकर अमृतसर पहुंच गए हैं. यहां शवों को लेने के लिए पंजाब सरकार के मंत्री भी पहुंचे हैं. बता दें कि इराक में जान गंवाने वालों में सबसे ज्यादा २७ लोग पंजाब के ही थे. इस दौरान वीके सिंह ने बताया कि डीएनए मैच करना काफी मुश्किल था. उन्होंने कहा कि इराक में ३९ भारतीयों का कोई रिकॉर्ड नहीं था.
शव का पता लगाने में इराक सरकार की मदद के लिए वीके सिंह ने उनका धन्यवाद किया. उन्होंने बताया था कि ३८ लोगों के शव मिलें, जबकि ३९वें शव का डीएनए मैच किया जाना अभी बाकी हैं. जिसके बाद आज विशेष विमान से ३८ शवों को लेकर वीके सिंह भारत पहुंचे हैं. वो रविवार को मोसुल रवाना हुए थे.
अमृतसर एयरपोर्ट पर पार्थिव अवशेष लेने पहुंचे कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मृतकों के परिवारवालों को ५-५ लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की हैं. साथ ही ये भी कहा हैं कि हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी. अमृतसर के बाद विमान कोलकाता के लिए उड़ान भरेगा, जहां शाम ५.३० बजे पहुंचेगा.
यहां से विमान सीधे पटना जाएगा और रात करीब ८.३० बजे यहां पहुंच जाएगा. इराक में ताबूतों को विमान में चढ़ाए जाने पर भारत के विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने उन्हें सलामी दी. इस दौरान सिंह ने आतंकवादियों की आलोचना की और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी सरकार के रुख को जाहिर किया. उन्होंने आईएसआईए ‘बेहद क्रूर संगठन’ बताते हुए कहा कि हमारे देश के नागरिक आईएस की गोलियों के शिकार हुए हैं.
हम लोग हर तरह के आतंकवाद के खिलाफ हैं. बता दें कि जून २०१४ में उत्तरी मोसुल शहर पर कब्जा करने के तुरंत बाद आईएस ने इन मजदूरों को अगवा कर लिया था. जिसके बाद उनकी मौत को लेकर संशय बना हुआ था. बीते २० मार्च को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में इस बात की पुष्टि की थी कि सभी भारतीय जो अगवा किए गए थे, उनकी मौत हो गई हैं| खबर आजतक