अफसरशाही की मेहरबानी और ऊंची पहुंच वालों को तमाम नियम कायदे तोड़कर छत्तीसगढ़ मे आवास आवंटित किया जा रहा हैं. जबकि जरूरतमंद लोग अब भी आशियाने की तलाश में हैं. जिसे पाने के लिए उन्हें एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ रहा हैं. फिर भी प्रधानमंत्री आवास उनके लिए दूर की कौड़ी साबित हो रहा हैं. दूसरी ओर एक ऐसा वर्ग हैं, जिसे तश्तरी में परोसकर सरकारी आवास के दस्तावेज अफसर उनके घर जाकर सौंप रहे हैं. ताजा मामला छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के गृहनगर राजनांदगांव जिले का हैं.
यहां एक छह साल के बच्चे के नाम पर प्रधानमंत्री आवास आवंटित कर दिया गया. उसका नाम लव कुमार बताया जा रहा हैं. जबकि बच्चे के परिजनों के पास अपना खुद का पक्का मकान वर्षो से हैं. सिर्फ राजनांदगांव ही नहीं राज्य के कई जिलों में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े पैमाने पर धांधली बरती जा रही हैं. राजनांदगांव ब्लॉक के ग्राम मगरलोटा में पंचायत ने भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़ा करते हुए एक छह साल के मासूम बच्चे को ही हितग्राही बनाकर पीएम आवास का मालिक बना दिया.
पंचायत ने गांव के छह वर्षीय बालक लव कुमार पिता लेखराम निषाद को हितग्राही बनाकर पीएम आवास आवंटित किया. यह बच्चा अभी कक्षा दूसरी में अध्ययनरत हैं. उसे पीएम आवास की पात्रता दिलाने के लिए उसका आधार कार्ड से लेकर मतदाता परिचय पत्र व उसकी मां के साथ ज्वाइंट अकाउंट भी खुलवाया गया. यही नहीं बच्चे का मनरेगा का जॉब कार्ड तक दिया गया हैं. यह जांच का विषय हैं कि आखिर कैसे बच्चे का मतदाता परिचय पत्र और मनरेगा का जॉब कार्ड बन गया| खबर आजतक