कल नई दिल्ली में संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित वित्तीय समावेशन सम्मेलन में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वर्तमान सरकार ने वित्तीय समावेशन की नीति को केन्द्र में ला दिया और अगस्त, २०१४ में बड़े पैमाने पर प्रधानमंत्री जन धन योजना लांच किया और सरकार ने बैंकों की सहायता से वित्तीय समावेशन की पूरी क्षमता के दोहन करने का प्रयास किया हैं.
वित्त मंत्री ने कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र हैं जिसमें दूसरों की तुलना में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने अच्छा काम किया. अरुण जेटली ने बताया कि जब अगस्त, २०१४ में पीएमजेडीवाई लांच किया गया था तब केवल ५८% लोगों के पास बैंक खाते थे और ४२% लोग बैंकिंग दायरे से बाहर थे और अब पीएमजेडीवाई के अंतर्गत खुले खातों की संख्या ३० करोड़ से अधिक हो गई हैं. सितंबर, २०१४ में पीएमजेडीवाई के अंतर्गत जीरो बैलेंस खातों की संख्या तक़रीबन ७६% से कम होकर अब २०% से कम रह गई हैं
और इसके अतिरिक्त ५००० रुपये की ओवर ड्राफ्ट सुविधा के साथ २२ करोड़ से अधिक रूपे कार्ड जारी किए गए हैं. वित्त मंत्री श्री जेटली ने कहा कि वित्तीय समावेशन के अतिरिक्त वर्तमान सरकार ने प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (पीएमजेजेबीवाई) के अंतर्गत गरीबों को जीवन बीमा तथा प्रधानमंत्री सुरक्षा जीवन योजना के अंतर्गत दुर्घटना बीमा के माध्यम से गरीबों को सुरक्षा देने का कदम उठाया हैं|