ANI
दो घुसपैठियों द्वारा लोकसभा के अंदर हंगामा मचाने के एक दिन बाद, कांग्रेस और भाजपा ने बड़े सुरक्षा उल्लंघन के लिए एक-दूसरे को दोषी ठहराया। कांग्रेस लगातार सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ “सख्त” कार्रवाई की मां कर रही है जिनके जरिए घुसपैठ करने वालों का पास बना था। एकजुट विपक्ष संसद में केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बयान पर भी अड़ा रहा और उनकी तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया। लोकसभा में सुरक्षा उल्लंघन की घटना को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा के लोकसभा सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इसको लेकर फिलहाल एक एक्स पोस्ट लिखा है। उन्होंने लिखा कि INDIA की पार्टियां दो मांग कर रही हैं। पहला कल संसद में हुई बेहद गंभीर और ख़तरनाक सुरक्षा चूक पर दोनों सदनों में गृह मंत्री विस्तृत बयान दें और उसके बाद इसपर चर्चा हो। दूसरी मांग यह है कि घुसपैठ करने वालों को विजिटर पास दिलवाने वाले BJP सांसद प्रताप सिम्हा के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा इन पूरी तरह से वैध और उचित मांगों को मानने से इंकार करने के कारण आज सुबह लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित हो गई।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि मैं पूरी तरह से सरकार को दोषी मानता हूं। पिछली बार हमला हुआ था तो वे अंदर नहीं जा पाए लेकिन इस बार वे लोकसभा पहुंच गए। अगर हम अब भी चुप हैं तो हम हैं अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों के नेताओं ने संसद की सुरक्षा में चूक के मामले को लेकर बृहस्पतिवार को एक बैठक की और सरकार से आग्रह किया इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह विस्तृत बयान दें तथा दोनों सदनों में इस विषय पर चर्चा कराई जाए। विपक्षी दलों की यह भी मांग है कि लोकसभा की दर्शक दीर्घा से सदन में कूदने वाले व्यक्ति को पास दिलाने के लिए अनुशंसा करने वाले भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने संसद सुरक्षा में चूक के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को सरकार से जवाब की मांग करते हुए भारी हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के करीब 15 मिनट बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन सुरक्षा में चूक विषय पर चर्चा कराने और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने बृहस्पतिवार को संसद में नारेबाजी और भारी हंगामा किया, जिसके चलते उच्च सदन की कार्यवाही भोजनावकाश से पहले दो बार स्थगित हुई।
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