नई हज यात्रा नीति के तहत ४५ वर्ष या इससे अधिक उम्र की महिलाओं के हज पर जाने के लिए मेहरम की पाबंदी हटा ली गई हैं. इस बार हज यात्रा के लिए ३.७० लाख आवेदन आए हैं जिनमें १३२० आवेदन उन महिलाओं के हैं जो ‘मेहरम’ के बिना हज पर जाने की तैयारी में हैं और भारतीय हज समिति ने इन सभी महिलाओं के आवेदन स्वीकार कर लिए हैं. ‘मेहरम’ वो शख्स होता हैं जिससे महिला की शादी नहीं हो सकती अर्थात पुत्र, पिता और सगा भाई. ‘मेहरम’ की वजह से पहले बहुत सारी महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता था और कई बार तो वित्तीय एवं दूसरे सभी प्रबन्ध होने बावजूद सिर्फ इस पाबंदी की वजह से वे हज पर नहीं जा पाती थीं.
हज समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मकसूद अहमद खान ने एक समाचार संस्थान को बताया, की इस बार ३.७० लाख लोगों ने आवेदन किया हैं. सबसे अधिक ६७ हजार आवेदन केरल से आए हैं. उन्होंने कहा कि इस बार कुल १३२० महिलाओं ने ‘मेहरम’ के बिना हज पर जाने के लिए आवेदन किया और इन सभी के आवेदन स्वीकार कर लिए गए हैं. हज आवेदन की आखिरी तिथि २२ दिसंबर थी. खान ने कहा मेहरम के बिना हज पर जाने के लिए सबसे अधिक केरल की महिलाओं ने आवेदन किया हैं.
राज्य की ११०० से अधिक महिलाओं ने आवेदन किया हैं. केंद्र सरकार की ओर से नयी हज नीति लागू करने के बाद ये पहला हज होगा. हज के लिए भारत का कोटा १.७० लाख हज यात्रियों का हैं. पिछले साल के मुकाबले इस बार हज आवेदन की संख्या में कमी आई हैं. बीते वर्ष चार लाख से अधिक आवेदन आए थे. खान का कहना हैं की ‘पहले चार बार आवेदन करने का मौका अनिवार्य रूप से मिलने की व्यवस्था थी, लेकिन इस बार इसे खत्म कर दिया गया और यही वजह है कि आवेदनों की संख्या में कमी आई हैं| खबर जी न्यूज़