मोदी सरकार के फूड प्रॉसेसिंग मिनिस्टर हरसिमरत कौर बादल ने ट्वीट करके यह सफाई दी हैं की खिचड़ी नेशनल फूड नहीं बनेगी, बल्कि यह कोशिश वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज कराने के लिए की जा रही हैं. दिल्ली में ३ से ५ नवंबर तक वर्ल्ड फूड इंडिया का आयोजन होना हैं और इसमें ८०० किलो खिचड़ी बनाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की भी कोशिश होगी.
आपको बता दें कि पहले खबर थी कि खिचड़ी को देश के नेशनल फूड का दर्जा मिलने वाला हैं और फूड प्रोसेसिंग मिनिस्ट्री ने केंद्र सरकार को इसके लिए प्रपोजल भी भेजा हैं और मिनिस्ट्री ने खिचड़ी के पक्ष में ३ तर्क भी दिए थे, जिनसे केंद्र सहमत हैं. कहा गया था कि इंडियन कुजीन का दर्जा खिचड़ी को ‘गुड फूड’ मानकर दिया जा रहा हैं. ८०० किलो खिचड़ी बनाने के लिए १००० लीटर क्षमता और ७ फीट व्यास वाला बर्तन चूल्हे पर चढ़ेगा और पूरी खिचड़ी अनाथ बच्चों में बांटी जाएगी.
इस पर हरसिमरत कौर बादल ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘काल्पनिक नेशनल फूड पर खूब खिचड़ी पक चुकी यह सिर्फ रिकॉर्ड दर्ज करने के लिए हैं.’ ऑफिशियली किसी भी व्यंजन को नेशनल फूड घोषित करने का प्रोविजन अब तक किसी देश में नहीं हैं. हर देश में वहां के लोगों की पसंद के हिसाब से ही किसी डिश को नेशनल कुजीन मान लिया जाता हैं. इससे उस डिश की पहचान और अहमियत पर कोई खास फर्क नहीं पड़ता और खिचड़ी के साथ भी ऐसा ही हैं| खबर दैनिक भास्कर