आईसीजे ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा सुनाई गई फांसी की सज़ा पर अंतिम निर्णय सुनाए जाने तक रोक लगाने का आदेश दिया हैं लेकिन पाकिस्तान ने यह कह आदेश को मानने से इंकार कर दिया कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में अंतरराष्ट्रीय पंचों द्वारा किया गया निर्णय के अधिकारक्षेत्र को कबूल नहीं करता
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस फैसले को पाकिस्तान द्वारा नहीं माने जाने की स्थिति में भारत क्या-क्या कर सकता हैं विशेषज्ञों के अनुसार, इन परिस्थितियों में भारत के पास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जाने का विकल्प मौजूद है, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र का चार्टर कहता है कि हर यूएन सदस्य अंतरराष्ट्रीय पंचों द्वारा किया गया निर्णय के फैसलों को मानने को बाध्य हैं और यदि कोई पार्टी या पक्ष आईसीजे के फैसले का क्रियान्वयन करने में विफल रहता है, तो दूसरा पक्ष या पार्टी सुरक्षा परिषद का रुख कर सकता हैं
जहां सुरक्षा परिषद फैसले का क्रियान्वयन करवाए जाने के उपायों पर विचार करेगी आईसीजे ऐसा निकाय हैं जहां आप सहमति के आधार पर जाते हैं इस मामले में पाकिस्तान कह सकता है कि भारत ने आईसीजे में जाने से पहले हमसे सहमति नहीं ली थी तो इस मामले में कोर्ट के अधिकारक्षेत्र पर सवाल उठ सकता है ऐसे फैसले वास्तव में तभी बाध्यकारी होते हैं, जब संबंधित सभी देश इसे मानने पर सहमति देते हैं यदि पाकिस्तान इस फैसले के खिलाफ जाता है, तो भारत इस मसले को सुरक्षा परिषद के पास ले जा सकता हैं सुरक्षा परिषद में जाने के अलावा भारत के पास पाकिस्तान पर कूटनयिक दबाव डलवाए जाने का भी विकल्प मौजूद हैं
जिस पर विचार किया जा सकता है. पाकिस्तान आमतौर पर अमेरिका, रूस और सऊदी अरब जैसे देशों की बात नहीं टालता तो भारत की ओर से अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों से भी पाकिस्तान पर दबाव डलवाया जा सकता हैं | खबर एनडीटीवी