विवेक विहार के न्यू बोर्न बेबी केयर अस्पताल में शनिवार देर रात लगी भीषण आग में सात नवजात बच्चों की जान चली गयी है। पूर्वी दिल्ली के इस घटनास्थल से बचाए गए अन्य बच्चों को दूसरे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) के प्रमुख अतुल गर्ग ने रविवार को घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कल रात 11:32 बजे हमें कॉल मिली कि एक बेबी केयर सेंटर में आग लगी है। हमने शुरू में ही 7 फायर टेंडर भेजे थे। 12 बच्चों को हमने निकाला। बाद में पता लगा कि 6 बच्चों की मृत्यु हो गई है। बताया गया है कि वहां ऑक्सीजन के सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया जिस कारण आग बढ़ गई और बगल के घर में भी चली गई थी। वहां करीब 6 ब्लास्ट हुए हैं, जिससे हमारे फायर फाइटर को भी खतरा था। हमने 2 टीम बनाई जिसमें से एक ने बच्चों को निकाला और दूसरी टीम ने फायर फाइटिंग की।
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दूसरे अस्पताल ले जाने पर छह शिशुओं को मृत घोषित कर दिया गया जबकि एक नवजात की इलाज के दौरान मौत हो गयी। शिशुओं के शवों को पोस्टमार्टम के लिए जीटीबी हॉस्पिटल ले जाया गया है। डीसीपी शाहदरा ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने बेबी केयर न्यू बॉर्न हॉस्पिटल के मालिक की पहचान पश्चिम विहार के रहने वाले नवीन किची के तौर पर की गयी है। कीची के खिलाफ IPC की धारा 336, 304A और 34 के तहत FIR दर्ज कर ली गयी है। उसके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने बताया कि फायर डिपार्टमेंट से उनकी बातचीत हुई है। फायर डिपार्टमेंट ने उन्हें बताया है कि शायद शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी है। ऑक्सीजन सिलिंडर वहां थे, जिनमें ब्लास्ट होने की वजह से आग बढ़ गयी। भारद्वाज ने कहा, ‘मैंने स्वास्थ्य सचिव को फोन करने की कोशिश की लेकिन वो फोन नहीं उठा रहे हैं। इसकी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।’ बता दें, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी इस मामले में लापरवाही बरतने वाले दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही है।
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केन्द्रीय गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C) ने जनता को ऑनलाइन बुकिंग धोखाधड़ी के बारे में सचेत किया है। विशेष रूप से ऐसे मामलों को लेकर सचेत किया गया है, जिनमें देश में धार्मिक तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को निशाना बनाया जा रहा है। यह धोखाधड़ी नकली वेबसाइटों, भ्रामक सोशल मीडिया पेजों, फेसबुक पोस्ट और गूगल जैसे सर्च इंजनों पर Paid विज्ञापनों के माध्यम से की जा रही हैं। इन घोटालों में पेशेवर दिखने वाली लेकिन नकली वेबसाइटें, सोशल मीडिया प्रोफाइल और व्हाट्सएप खाते बनाकर निम्नलिखित सेवाओं की पेशकश की जाती है: * केदारनाथ, चार धाम के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग * तीर्थयात्रियों के लिए गेस्ट हाउस और होटल बुकिंग * ऑनलाइन कैब/टैक्सी सेवा बुकिंग * होलीडे पैकेज और धार्मिक यात्राएं संदेह किए बिना लोग इन पोर्टलों के माध्यम से भुगतान करने के बाद, अक्सर तब ठगे जाने का एहसास करते हैं जब बुकिंग की कोई पुष्टि या सेवा प्राप्त नहीं होती और संपर्क के लिए दिए गए नंबर पहुंच से बाहर (Unreachable) हो जाते हैं। लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है: 1. कोई भी भुगतान करने से पहले वेबसाइट की प्रामाणिकता की हमेशा जांच करें। 2. गूगल, फेसबुक या व्हाट्सएप पर “प्रायोजित” या अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से पहले सत्यापन करें। 3. बुकिंग केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टलों या विश्वसनीय ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से करें। 4. ऐसी वेबसाइटों की तुरंत शिकायत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल: www.cybercrime.gov.in पर करें या किसी धोखाधड़ी के मामले में 1930 पर कॉल करें। 5. केदारनाथ हेलीकॉप्टर बुकिंग https://www.heliyatra.irctc.co.in के माध्यम से की जा सकती है। 6. सोमनाथ ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट https://somnath.org है और गेस्ट हाउस बुकिंग उसी के माध्यम से की जा सकती है।…
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गणतंत्र दिवस, 2026 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कार-2026 के लिए ऑनलाइन नामांकन/सिफारिशें आज, 15 मार्च 2025, से शुरू हो गई हैं। पद्म पुरस्कारों के नामांकन की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन/सिफारिशें राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल https://awards.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी। पद्म पुरस्कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्थापित, इन पुरस्कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। इन पुरस्कारों के अंतर्गत ‘उत्कृष्ट कार्य’ के लिए सम्मानित किया जाता है। पद्म पुरस्कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल है, पद्म पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं। सरकार पद्म पुरस्कारों को “पीपल्स पद्म” बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अत:, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन/सिफारिशें करें। नागरिक स्वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं। नामांकन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (citation) (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो। इस संबंध में विस्तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्ध हैं। इन पुरस्कारों से…