नागरिक समाज से जुड़े समूहों ने सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए अभियान शुरु किया

नागरिक समाज से जुड़े समूहों ने ‘भारत जोड़ो अभियान’ के तहत सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए महीने भर चलने वाले अभियान की शुरुआत की है।
कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से पहले, सामूहिक रूप से एकजुट हुये नागरिक समाज से जुड़े संगठनों ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा वे उन नागरिकों में नई ऊर्जा का संचार करने के उद्देश्य से कई कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे जो भारत की समृद्ध, विविध, बहुल सांस्कृतिक विरासत पर गर्व करते हैं और संवैधानिक मूल्यों पर आधारित समाज के लिए काम करते हैं।
इस ‘जन गण मन अभियान’ की घोषणा 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के उद्घाटन और वहां भगवान राम के बाल स्वरूप के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह से पहले की गई है।

भारत जोड़ो अभियान ने एक संयुक्त बयान में कहा, ‘‘देश संगठित सांप्रदायिकता के उन्माद को देख रहा है, जिसका मर्यादा (गरिमा) या आस्था (विश्वास) या धर्म (धर्म) से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन यह 2024 के राष्ट्रीय चुनावों से पहले धार्मिक आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने का प्रयास है।’’
महीने भर चलने वाले इस अभियान की शुरुआत एक संवाददाता सम्मेलन में की गई, जिसे भारत जोड़ो अभियान के संयोजक योगेन्द्र यादव और विजय महाजन, राष्ट्रीय सचिव कविता कुरुगंती और राष्ट्रीय कार्य समिति की सदस्य कामायनी स्वामी ने संबोधित किया।
इस अभियान के तहत प्रत्यक्ष और ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे।

भारत जोड़ो अभियान एक नागरिक समाज मंच है जो भारत के 15 राज्यों में कई संगठनों तक फैला हुआ है।
बयान में कहा गया कि इस अभियान का उद्देश्य भारत के सामाजिक ताने-बाने की रक्षा करना, सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक न्याय के मुद्दों को उजागर करना और सभी नागरिकों के बीच समानता तथा भाईचारा स्थापित करने के लिए प्रयास करना है।
यह अभियान तीन से 30 जनवरी तक चलेगा। बयान के अनुसार इस दौरान महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानन्द, सावित्रीबाई फुले, बाबासाहेब आंबेडकर, खान अब्दुल गफ्फार खान जैसे भारत के प्रतिष्ठित नायकों के विचारों को लोगों तक पहुंचाया जाएगा तथा लोहड़ी और मकर संक्रांति जैसे त्योहारों को मनाने के लिए कार्यक्रम तथा अन्य आयोजन किये जाएंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



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