भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने ड्राफ्ट सर्कुलर में कार्ड जारीकर्ताओं से कार्ड नेटवर्क के साथ ऐसी कोई व्यवस्था या समझौता नहीं करने को कहा है जो उन्हें कार्ड नेटवर्क की सेवाओं का लाभ उठाने से रोकता हो।
इसने कार्ड जारीकर्ताओं से अपने पात्र ग्राहकों को कई कार्ड नेटवर्क में से किसी एक को चुनने का विकल्प प्रदान करने के लिए भी कहा है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि ग्राहक इस विकल्प का प्रयोग या तो जारी होने के समय या उसके बाद किसी भी समय कर सकते हैं।
आरबीआई ड्राफ्ट सर्कुलर में कहा गया है, “कार्ड जारीकर्ता और कार्ड नेटवर्क मौजूदा समझौतों में संशोधन या नवीनीकरण के समय और इस परिपत्र की तारीख से निष्पादित नए समझौतों में उपरोक्त आवश्यकताओं का पालन करना सुनिश्चित करेंगे।”
यह नियम कार्ड जारीकर्ताओं और नेटवर्क के बीच समझौते की मौजूदा प्रथा के लिए एक चुनौती है, जिससे कार्ड नेटवर्क पोर्टेबिलिटी का मार्ग प्रशस्त होता है। एसएजी इन्फोटेक के प्रबंध निदेशक अमित गुप्ता इस शब्द की व्याख्या करते हैं।
उनके अनुसार, क्रेडिट कार्ड नेटवर्क पोर्टेबिलिटी से तात्पर्य उपभोक्ताओं की अपने क्रेडिट कार्ड खातों को एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क में स्थानांतरित करने की क्षमता से है।
गुप्ता कहते हैं, “जैसे हम एक ही फोन नंबर रखते हुए अपने मोबाइल सेवा प्रदाताओं को बदल सकते हैं, वैसे ही क्रेडिट कार्ड नेटवर्क पोर्टेबिलिटी कार्डधारकों को एक अलग भुगतान नेटवर्क पर स्विच करते समय अपने मौजूदा क्रेडिट कार्ड खाते, शेष राशि और क्रेडिट इतिहास को बनाए रखने की अनुमति देती है”।
यह ग्राहकों की कैसे मदद करता है?
अमित गुप्ता ने कहा कि यह ग्राहकों को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप कार्ड नेटवर्क चुनने में सशक्त बनाएगा, चाहे वह पुरस्कार कार्यक्रम, स्वीकृति या ग्राहक सेवा सहित कारकों पर निर्भर हो।
उन्होंने कहा कि इससे क्रेडिट कार्ड नेटवर्क के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और ग्राहकों को अपने वित्तीय विकल्पों पर अधिक नियंत्रण मिलेगा। हालाँकि, गुप्ता ने कहा कि सभी क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता या नेटवर्क पोर्टेबिलिटी का समर्थन नहीं कर सकते हैं और स्थानांतरण प्रक्रिया के साथ विशिष्ट नियम और शर्तें हो सकती हैं।
इसलिए, क्रेडिट कार्ड नेटवर्क पोर्टेबिलिटी पर विचार करने वाले व्यक्तियों को कोई भी निर्णय लेने से पहले अपने विकल्पों पर सावधानीपूर्वक शोध और मूल्यांकन करना चाहिए”, उन्होंने कहा।
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केन्द्रीय गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C) ने जनता को ऑनलाइन बुकिंग धोखाधड़ी के बारे में सचेत किया है। विशेष रूप से ऐसे मामलों को लेकर सचेत किया गया है, जिनमें देश में धार्मिक तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को निशाना बनाया जा रहा है। यह धोखाधड़ी नकली वेबसाइटों, भ्रामक सोशल मीडिया पेजों, फेसबुक पोस्ट और गूगल जैसे सर्च इंजनों पर Paid विज्ञापनों के माध्यम से की जा रही हैं। इन घोटालों में पेशेवर दिखने वाली लेकिन नकली वेबसाइटें, सोशल मीडिया प्रोफाइल और व्हाट्सएप खाते बनाकर निम्नलिखित सेवाओं की पेशकश की जाती है: * केदारनाथ, चार धाम के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग * तीर्थयात्रियों के लिए गेस्ट हाउस और होटल बुकिंग * ऑनलाइन कैब/टैक्सी सेवा बुकिंग * होलीडे पैकेज और धार्मिक यात्राएं संदेह किए बिना लोग इन पोर्टलों के माध्यम से भुगतान करने के बाद, अक्सर तब ठगे जाने का एहसास करते हैं जब बुकिंग की कोई पुष्टि या सेवा प्राप्त नहीं होती और संपर्क के लिए दिए गए नंबर पहुंच से बाहर (Unreachable) हो जाते हैं। लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है: 1. कोई भी भुगतान करने से पहले वेबसाइट की प्रामाणिकता की हमेशा जांच करें। 2. गूगल, फेसबुक या व्हाट्सएप पर “प्रायोजित” या अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से पहले सत्यापन करें। 3. बुकिंग केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टलों या विश्वसनीय ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से करें। 4. ऐसी वेबसाइटों की तुरंत शिकायत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल: www.cybercrime.gov.in पर करें या किसी धोखाधड़ी के मामले में 1930 पर कॉल करें। 5. केदारनाथ हेलीकॉप्टर बुकिंग https://www.heliyatra.irctc.co.in के माध्यम से की जा सकती है। 6. सोमनाथ ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट https://somnath.org है और गेस्ट हाउस बुकिंग उसी के माध्यम से की जा सकती है।…
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गणतंत्र दिवस, 2026 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कार-2026 के लिए ऑनलाइन नामांकन/सिफारिशें आज, 15 मार्च 2025, से शुरू हो गई हैं। पद्म पुरस्कारों के नामांकन की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन/सिफारिशें राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल https://awards.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी। पद्म पुरस्कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्थापित, इन पुरस्कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। इन पुरस्कारों के अंतर्गत ‘उत्कृष्ट कार्य’ के लिए सम्मानित किया जाता है। पद्म पुरस्कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल है, पद्म पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं। सरकार पद्म पुरस्कारों को “पीपल्स पद्म” बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अत:, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन/सिफारिशें करें। नागरिक स्वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं। नामांकन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (citation) (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो। इस संबंध में विस्तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्ध हैं। इन पुरस्कारों से…