तृणमूल समर्थक शिक्षाविदों का मंच राजभवन के सामने धरना-प्रदर्शन करेगा

Creative Common

उन्होंने कहा कि वह राज्य विश्वविद्यालयों को भ्रष्टाचार और हिंसा से मुक्त बनाने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। बोस ने कहा, ‘‘ कुछ (कुलपतियों) के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं, कुछ अन्य पर छात्राओं के उत्पीड़न के आरोप हैं, जबकि कुछ अन्य राजनीतिक खेल में शामिल हैं।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी.आनंद बोस और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार के बीच राज्य संचालित कई विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर चल रहे विवाद के बीच पार्टी समर्थक पूर्व कुलपतियों और प्रोफेसर के एक मंच ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि वे यहां स्थित राजभवन के गेट पर धरना देंगे।
उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और शिक्षाविदों के मंच के प्रवक्ता ओम प्रकाश मिश्रा ने एक बयान में कहा कि आठ सितंबर को ‘शांतिपूर्ण और मौन प्रदर्शन’किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा से जुड़े और इसमें रुचि रखने वाले लोग राजभवन के उत्तरी द्वार के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे और इसका नेतृत्व बंगाल के प्रतिष्ठित शिक्षाविद करेंगे।

मिश्रा ने आरोप लगाया कि राज्य विश्वविद्यालयों के पदेन कुलाधिपति राज्यपाल ने अपनी इच्छा से अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति करके राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली के खिलाफ ‘‘पूर्ण अराजकता’’ फैलाई है जिसके खिलाफ वे तख्तियों के साथ प्रदर्शन करेंगे।
मिश्रा ने कहा, ‘‘हम उच्च शिक्षा से संबंधित विषयों पर पश्चिम बंगाल विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों पर राज्यपाल की निष्क्रियता के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन करेंगे, जो असंवैधानिक है।’’
उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारी राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगे।
मिश्रा ने राज्य विश्वविद्यालयों के कामकाज और उनके प्रबंधन के बारे में बोस द्वारा की गई टिप्पणियों को ‘पूरी तरह से झूठ’ करार दिया, जिन्हें दिन में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारित किया गया था।

राज्यपाल बोस ने बृहस्पतिवार को जारी एक वीडियो संदेश में दावा किया कि कुछ कुलपतियों के खिलाफ आरोप हैं। उन्होंने कहा कि वह राज्य विश्वविद्यालयों को भ्रष्टाचार और हिंसा से मुक्त बनाने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।
बोस ने कहा, ‘‘ कुछ (कुलपतियों) के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं, कुछ अन्य पर छात्राओं के उत्पीड़न के आरोप हैं, जबकि कुछ अन्य राजनीतिक खेल में शामिल हैं। यही कारण है कि मैं अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति करते समय राज्य सरकार की पसंद के अनुसार नहीं जा सका… मैं चाहता हूं कि राज्य के विश्वविद्यालय हिंसा से मुक्त, भ्रष्टाचार से मुक्त हों और भारत में सर्वश्रेष्ठ हों।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।



अन्य न्यूज़

Source link

newsfortunes

Recent Posts

भारतीय वायु सेना ने संयुक्त अरब अमीरात में बहुराष्ट्रीय अभ्यास डेजर्ट फ्लैग-10 में भाग लिया

भारतीय वायुसेना की एक टुकड़ी संयुक्त अरब अमीरात के अल धफरा एयर बेस पर पहुंची,…

16 घंटे ago

I4C ने धार्मिक संस्थानों और पर्यटन सेवाओं के नाम पर हो रहे ऑनलाइन बुकिंग घोटालों के बारे में जनता को सचेत किया

केन्द्रीय गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C) ने जनता को ऑनलाइन बुकिंग धोखाधड़ी के बारे में सचेत किया है। विशेष रूप से ऐसे मामलों को लेकर सचेत किया गया है, जिनमें देश में धार्मिक तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को निशाना बनाया जा रहा है। यह धोखाधड़ी नकली वेबसाइटों, भ्रामक सोशल मीडिया पेजों, फेसबुक पोस्ट और गूगल जैसे सर्च इंजनों पर Paid विज्ञापनों के माध्यम से की जा रही हैं। इन घोटालों में पेशेवर दिखने वाली लेकिन नकली वेबसाइटें, सोशल मीडिया प्रोफाइल और व्हाट्सएप खाते बनाकर निम्नलिखित सेवाओं की पेशकश की जाती है: * केदारनाथ, चार धाम के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग * तीर्थयात्रियों के लिए गेस्ट हाउस और होटल बुकिंग * ऑनलाइन कैब/टैक्सी सेवा बुकिंग * होलीडे पैकेज और धार्मिक यात्राएं संदेह किए बिना लोग इन पोर्टलों के माध्यम से भुगतान करने के बाद, अक्सर तब ठगे जाने का एहसास करते हैं जब बुकिंग की कोई पुष्टि या सेवा प्राप्त नहीं होती और संपर्क के लिए दिए गए नंबर पहुंच से बाहर (Unreachable) हो जाते हैं। लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है: 1. कोई भी भुगतान करने से पहले वेबसाइट की प्रामाणिकता की हमेशा जांच करें। 2. गूगल, फेसबुक या व्हाट्सएप पर “प्रायोजित” या अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से पहले सत्यापन करें। 3. बुकिंग केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टलों या विश्वसनीय ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से करें। 4. ऐसी वेबसाइटों की तुरंत शिकायत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल: www.cybercrime.gov.in पर करें या किसी धोखाधड़ी के मामले में 1930 पर कॉल करें। 5. केदारनाथ हेलीकॉप्टर बुकिंग https://www.heliyatra.irctc.co.in के माध्यम से की जा सकती है। 6. सोमनाथ ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट https://somnath.org है और गेस्ट हाउस बुकिंग उसी के माध्यम से की जा सकती है।…

2 दिन ago

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि क्षेत्र की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा की

फसल कटाई, बुआई, उपार्जन आदि की स्थिति की जानकारी लेकर अधिकारियों को दिए निर्देश केंद्रीय…

1 सप्ताह ago

राष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़ विधानसभा की रजत जयंती समारोह में भाग लिया

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आज (24 मार्च, 2025) रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह में…

4 सप्ताह ago

बिल गेट्स ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की

बिल गेट्स ने कल नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। बिल गेट्स…

1 महीना ago

पद्म पुरस्कार-2026 के लिए नामांकन शुरू

गणतंत्र दिवस, 2026 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्‍कार-2026 के लिए ऑनलाइन नामांकन/सिफारिशें आज, 15 मार्च 2025, से शुरू हो गई हैं। पद्म पुरस्‍कारों के नामांकन की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है। पद्म पुरस्‍कारों के लिए नामांकन/सिफारिशें राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार पोर्टल https://awards.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्‍त की जाएंगी। पद्म पुरस्‍कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्‍थापित, इन पुरस्‍कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। इन पुरस्‍कारों के अंतर्गत ‘उत्‍कृष्‍ट कार्य’ के लिए सम्‍मानित किया जाता है। पद्म पुरस्‍कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्‍ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। चिकित्‍सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्‍य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल है, पद्म पुरस्‍कारों के पात्र नहीं हैं। सरकार पद्म पुरस्‍कारों को “पीपल्स पद्म” बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अत:, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन/सिफारिशें करें। नागरिक स्‍वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं। नामांकन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (citation) (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो। इस संबंध में विस्‍तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्‍कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्‍कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्‍ध हैं। इन पुरस्‍कारों से…

1 महीना ago