गुजरात के युवा नेता हार्दिक पटेल ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में दूसरे दिन के एक सत्र में गर्मा-गर्म बहस के बीच कहा कि सत्ता किसी के बाप की नहीं जो हमें इसमें आने से कोई रोक लेगा. इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे दिन के एक प्रमुख सत्र ‘द यंग तुर्क्स: द फ्यूचर ऑफ आइडेंटिटी पॉलिटिक्स’ में सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता, हार्दिक पटेल, जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, जेएनयू की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद, बीजेवाईएम के राष्ट्रीय मीडिया इंचार्ज रोहित चहल और लेखिका व स्तंभकार शुभ्रस्था के बीच जबर्दस्त, गर्मागर्म बहस हुई.
चर्चा तो होनी थी पहचान की राजनीति पर, लेकिन बहस कन्हैया कुमार की पढ़ाई से लेकर हार्दिक पटेल के बहन की शादी तक पहुंच गई. शुभ्रस्था ने कहा, सौ बात की एक बात हैं, ये एंटी सरकार गैंग हैं, इनके पास कुछ अपना करने का नहीं हैं. इसलिए ये सत्ता में नहीं आ सकते.’ इस पर नाराज होते हुए हार्दिक पटेल ने कहा की, ‘सत्ता किसी के बाप की तो हैं नहीं जो हमें आने से रोक ले.’ इस पर जब भाषा की गरिमा की बात कही गई तो उन्होंने कहा, ‘गरिमा सिर्फ आपके लिए हैं आप कुछ भी मौज-मजा करें. हम करें तो सब चोरी, आप करें तो सब लीला.’ उन्होंने कहा, ‘सत्ता में बीजेपी बैठी हैं.
उन्होंने कहा कि हमारी भी अपेक्षा होती हैं कि सरकार हमारे लिए कुछ करे. हम इसके लिए लड़ते हैं. लेकिन यदि सरकार हमारे लिए कुछ नहीं करती. तो हमारी यह जिम्मेदारी हैं कि हम आंदोलन करें.’ कन्हैया कुमार ने कहा कि आइडेंटिटी अलग- अलग जगह के हिसाब से बदलती रहती हैं. उन्होंने कहा कि आइडेंटिटी को अपराध तब बनाया जाता हैं, जब पिछड़ों के सरनेम सामने दिखते हैं. सबका साथ सबका विकास यदि करना हैं तो किसी जाति विशेष के पिछड़ेपन को दूर करना गलत नहीं| खबर आजतक