कोई भी व्यक्ति जिसने दो वर्ष या उससे अधिक की सजा पाई हो ऐसे लोगो को चुनाव लड़ने पर जीवन भर पाबंदी की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से ७ दिनों के अंदर जवाब मांगा हैं और इससे पहले चुनाव आयोग ने हलफ़नामा दाखिल कर याचिकाकर्ता की मांग का समर्थन किया था.
इस मामले में अब अगली सुनवाई १८ अप्रैल को होगी फिलहाल, जनप्रतिनिधित्व कानून के मौजूदा प्रावधान के तहत सजा काटने के ६ साल तक ही चुनाव लड़ने पर रोक का नियम हैं लेकिन बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग करते किया की नेताओं और नौकरशाहों के खिलाफ चल रहे मुकदमों की सुनवाई एक साल में पूरा करने के लिये स्पेशल फास्ट कोर्ट बनाया जाए.
जिस पर आज नतीजा आया की सांसदों और विधायकों पर आपराधिक मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस तरह के मामलों की तेजी से सुनवाई सुनिश्चित किए जाने के लिए केंद्र सरकार को विशेष अदालतों के गठन का आदेश दिया हैं और इस याचिका में ये भी मांग की गई हैं कि सजायाफ्ता व्यक्ति के चुनाव लड़ने, राजनीतिक पार्टी बनाने और पार्टी पदाधिकारी बनने पर आजीवन प्रतिबंध लगाया जाए| खबर न्यूज़ स्टेट