हालिया नियमों के अनुसार दो लाख रुपये से अधिक के सोने के आभूषणों की खरीदारी पर पैन नंबर की जरूरी होती हैं लेकिन वित्तीय नियामकों के एक पैनल ने यह प्रस्तावित किया हैं कि सोने की हर खरीद-फरोख्त लिए पैन कार्ड अनिवार्य हो और यदि सरकार इससे सहमत होती हैं तो सोने की खरीद भले ही कितनी भी राशि की हो इसके लिए पैन कार्ड जरूरी हो सकता हैं.
इस नियामक के बाद सोने की हर खरीद को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रजिस्ट्री में दर्ज की जाएगी. इसका मतलब हैं कि जब भी आप किसी ज्वैलर से सोना खरीदेंगे तो ऑनलाइन उसका हिसाब-किताब रखा जाएगा ताकि पता चल सके कि कहीं कोई व्यक्ति सोना खरीदकर काला धन तो जमा नहीं कर रहा हैं. वही हाउसहोल्ड फाइनेशियल पैनल की रिपोर्ट ने कहा, ‘समिति ने यह सिफारिश सोने के रूप में काला धन जमा करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण लगाने के इरादे से की हैं. समिति का मानना हैं कि कर निवारण का प्रवर्तन सख्त होना चाहिए.
आरबीआइ ने वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद की मीटिंग के बाद भारत में घरेलू वित्त के विभिन्न पहलुओं के अध्ययन के लिए इस समिति का गठन किया था और लंदन के इंपीरियल कालेज के प्रोफेसर तरुण रामादोराई की अध्यक्षता वाली इस समिति में रिजर्व बैंक, सेबी, बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण और पीएफआरडीए के प्रतिनिधि शामिल हैं. समिति का कहना का हैं की सोना खरीदने को पैन की अनिवार्यता होने के बाद इसका लेनदेन छिपकर किया जा सकता हैं.
इसलिए इसे रोकने के लिए सभी तरह के सोने के लेनदेन को इलेक्ट्रॉनिक रजिस्ट्री में दर्ज किया जाना चाहिए. समिति ने कहना कि सोना खरीदकर टैक्स चोरी रोकने के आयकर के आंकड़ों का इस्तेमाल करना चाहिए. साथ ही कर चोरी रोकने के प्रावधानों को सख्ती से लागू करना चाहिए| खबर आज तक