२४ घंटो से उत्तर बिहार में हो रही तेज बारिश व नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही हैं. उत्तर बिहार के ४० प्रखंडों की लगभग ३५ लाख आबादी बाढ़ से घिरी हुई हैं और राज्य के सीमांचल के एक दर्जन जिलों में बाढ़ का पानी आ चूका हैं. किशनगंज और अररिया जिले की स्थिति सबसे बदतर हो गई हैं. दोनों शहर में तीन से चार फीट पानी बह रहा हैं और राज्य सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सेना से मदद मांगी हैं.
दूसरी ओर सीएम नीतीश कुमार ने आज बाढ़ प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया और बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने बताया की बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए दानापुर और रांची आर्मी बेस से सेना को कूच करने का अनुरोध किया गया हैं और जानकारी के मुताबिक अपराह्न चार बजे कॉलम कमांडर कैप्टन अमृतपाल सिंह खेरा के नेतृत्व में दानापुर आर्मी के ८० जवान व अधिकारी किशनगंज रवाना हो गये. बकौल मुख्य सचिव, बाढ़ प्रभावित किशनगंज, अररिया और पूर्णिया के इलाकों में पहले से ही मौजूद एसडीआरएफ की टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुट गई हैं.
केन्द्र सरकार से एनडीआरएफ की १० टुकड़ियां मांगी गयी हैं. भुवनेश्वर से चार टुकड़ी किशनगंज व पूर्णिया के लिए रवाना हो गई हैं. पूर्णिया के बायसी प्रखंड के कदमसाड़ी में फंसे करीब २०० लोगों को हेलीकॉप्टर से बाहर निकालकर कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का कार्य आरंभ हो गया हैं. मुख्य सचिव ने कहा कि नेपाल और कोसी तथा सीमांचल के इलाकों में अत्यधिक वर्षा से आयी बाढ़ में फंसे लोगों को निकालना राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता हैं. इधर, मुख्यमंत्री ने उच्चधिकारियों के साथ आपात बैठक की और प्रभावित जिलों के प्रभारी सचिवों को तत्काल हवाई मार्ग से अपने-अपने जिले में पहुंच कर वहां कैंप करने का निर्देश दिया
और साथ ही आपदा प्रबंधन और क्षेत्रीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ में फंसे लोगों को वहां से निकालकर जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाएं. युद्ध स्तर पर बचाव और राहत कार्य चलाएं. उन्होंने कहा कि आर्मी को अलर्ट किया गया हैं और जरूरत होने पर उनकी भी मदद ली जाएगी. बाढ़ की भयावहता के मद्देनजर सीएम नीतीश कुमार ने रविवार की सुबह पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और रक्षा मंत्री अरुण जेटली से फोन पर बात कर बाढ़ की स्थिति की जानकारी दी और सभी तरह की सहायता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया हैं.
सीएम ने एनडीआरएफ की दस अतिरिक्त टुकड़ियां व वायुसेना के हेलीकॉप्टर मांगे और सीएम को हर संभव मदद देने का आश्वासन मिला. सीएम ने आज बाढ़ प्रभावित जिलों के हवाई सर्वेक्षण के दौरान बाढ़ की स्थिति और बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों का जायजा लिया और किशनगंज, अररिया, पूर्णिया और कटिहार में उत्पन्न स्थिति को देखा. १२ जिलों में स्थिति गंभीर ४.८५ लाख क्यूसेक पानी वाल्मीकिनगर गंडक बराज से रविवार को छोड़े जाने से स्थिति और विकराल हो गई हैं. अररिया, मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, पूर्वी चंपारण, प. चंपारण, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी में स्थिति अब भी गंभीर हैं| खबर तैयब हसन ताज
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