वो लोग जो केंद्र की सरकार से देश के विकास की मांग कर रहे हैं उन लोगो को वित्तमंत्री अरुण जेटली ने नसीहत देते हुए कहा की जिन लोगों को देश का विकास चाहिए उन्हें इसकी कीमत भी चुकानी होगी और इस पैसे को ईमानदारी से खर्च किया जाना जरूरी हैं. कस्टम एक्साइज और नारकोटिक्स के स्थापना दिवस और भारतीय राजस्व सेवा अधिकारियों के ६७वें बैच के पासिंग आउट कार्यक्रम में बोलते हुए जेटली ने कहा कि राजस्व सरकार के लिए लाइफ लाइन की तरह हैं
और यह भारत को विकासशील से विकसित अर्थव्यवस्था बनाने में मदद करेगा. वित्तमंत्री ने कहा कि एक ऐसे समाज में जहां परंपरागत रूप से लोग टैक्स नहीं देने को शिकायत नहीं मानते, धीरे-धीरे टैक्स देने के महत्व को समझ रहे हैं, जो समय के साथ आता हैं और यह टैक्स व्यवस्था के एकीकरण का अहम कारण हैं. एक बार जब बदलाव स्थापित हो जाएगा. हमारे पास सुधार के लिए समय और स्पेस रहेगा. अर्थव्यवस्था के रेवेन्यू न्यूट्रल होने जाने पर हमें बेहतर सुधारों के बारे में सोचना होगा.
टैक्स अनुपालन पर ज़ोर देते हुए जेटली ने कहा कि टैक्सेशन में कोई ग्रे एरिया नहीं है. टैक्स अफसरों को दृढ़ और ईमानदार होने की जरूरत हैं ताकि जो लोग टैक्स दायरे में हैं वे भुगतान करें. और वे लोग जो टैक्स के दायरे से बाहर हैं उन्हें इसका बोझ न सहना पड़े| खबर आजतक