बीते कल की दोपहर को एनआईटी मणिपुर का मैदान रणक्षेत्र में तब्दील हो गया था. पुलिस के जवानों ने बिहार और दूसरे राज्यों के छात्रों को बेरहमी से पिटा था. इस घटना में करीब एक दर्जन से अधिक छात्र घायल हो गए, जिनमें से कई का रिम्स इंफाल में इलाज चल रहा हैं. कई बच्चों को हिरासत में लेने और घायल होने की पुष्टि लाम्फेल थाने की पुलिस ने भी फोन पर की हैं. जानकारी के मुताबिक विवाद क्रिकेट खेलने को लेकर हुआ था. इस घटना में भोजपुर, नालंदा, पटना के छात्रों को काफी चोट आयी हैं.
घायल छात्रों में थर्ड ईयर का छात्र प्रांजल प्रसून पटना का, सेकेंड ईयर छात्र प्रीतम रजक आरा का और भरत पवार नालंदा के शामिल हैं. छात्रों ने बताया कि मणिपुर एनआईटी में बिहारी छात्रों को पीटे जाने की यह इस वर्ष की तीसरी घटना हैं और इस बार भी टारगेट कर पिटाई की गई हैं. घटना के बाद छात्रों ने निदेशक, डीन और हॉस्टल अधीक्षक के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की.
स्थानीय लड़कों पर कार्रवाई नहीं होने से गुस्साए बिहार, यूपी सहित दूसरे राज्यों के दर्जनों छात्र रजिस्ट्रार कार्यालय के आगे सुबह से ही प्रदर्शन कर रहे थे. बिहारी छात्रों के साथ अमानविय व्यवहार के मद्देनज़र छात्र राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव ने क्रोध प्रकट करते हुए प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि जिस अमानवीय तरीके से बिहार के छात्रों के साथ मार पीट की घटना सामने आई हैं वह बस बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का कमजोर नेतृत्व का नतीजा हैं.
जो छात्र प्रदेश से बाहर रहकर प्रदेश का नाम रौशन करेंगे उन्हीं छात्रों कि फ़िक्र नीतीश कुमार जी के अंतर आत्मा को नहीं, वे बस अपने काले कारनामे करने में व्यस्त हैं. छात्र राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव ने माँग करते हुए कहा कि बिहार सरकार जल्द से जल्द इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम उठाए और अविलंब दोषियों पे कारवाई करे नही तो छात्र राजद पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगा|