गठबंधन बदलने का इतिहास रखने वाले नीतीश कुमार इस साल जनवरी में एनडीए में लौट आए। विशेष रूप से यह नीतीश ही थे जिन्होंने इंडिया ब्लॉक का मसौदा तैयार किया और विभिन्न विपक्षी दलों को एक छत के नीचे लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई है, जिसमें इस बात पर मज़ाक उड़ाया जा रहा है कि अगर एनडीए 272 सीटों के जादुई आंकड़े से पीछे रह जाता है तो जेडीयू प्रमुख फिर से पाला बदल सकते हैं।
लोकसभा चुनाव में एनडीए को पूर्ण बहुमत मिल चुका है। सरकार बनाने के लिए 272 का आंकड़ा पार करना होता है जो 13 दले मिलकर भी हासिल नहीं कर पाई है। वहीं बीजेपी अपने दम पर 234 सीटें हासिल कर पाई है। वहीं एनडीए को मिलाकर ये आंकड़ा बहुमत से कहीं अधिक यानी 290 के आंकड़े के करीब हो जाता है। बीजेपी ने अकेले ही 234 सीटें जीती हैं। लेकिन उसे बहुमत के लिए अपने सहयोगियों के भरोसे रहना होगा। जिसके बाद से ही दो नामों की भरपूर चर्चा होने लगी। चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार अचानक से चर्चा में आ गए। इसके साथ ही नीतीश कुमार को लेकर कई तरह के मीम्स भी वायरल होने लगे।
गठबंधन बदलने का इतिहास रखने वाले नीतीश कुमार इस साल जनवरी में एनडीए में लौट आए। विशेष रूप से यह नीतीश ही थे जिन्होंने इंडिया ब्लॉक का मसौदा तैयार किया और विभिन्न विपक्षी दलों को एक छत के नीचे लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सोशल मीडिया पर मीम्स की बाढ़ आ गई है, जिसमें इस बात पर मज़ाक उड़ाया जा रहा है कि अगर एनडीए 272 सीटों के जादुई आंकड़े से पीछे रह जाता है तो जेडीयू प्रमुख फिर से पाला बदल सकते हैं।
एक नजर इन मीम्स पर:
मीम्स के अलावा, जेडी (यू) ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे एनडीए ब्लॉक से अलग नहीं होंगे। जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि पार्टी और नीतीश कुमार एनडीए गुट को अपने समर्थन में दृढ़ रहेंगे। दक्षिण में चंद्रबाबू नायडू अपनी तेलुगु देशम पार्टी के साथ जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी से बेहतर प्रदर्शन करके किंगमेकर के रूप में उभरे हैं। इस बीच, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का प्रभावशाली प्रदर्शन राजनीतिक मीम्स का एक और आकर्षण था।
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