राय ने कहा कि दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषण वाले 13 स्थानों के लिए अलग-अलग एवं विशिष्ट कार्ययोजनाएं तैयार की गयी हैं और उसके लिए 40 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों के वायु गुणवत्ता आंकड़ों को आधार बनाया गया है। दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए सितंबर में 15 सूत्री कार्ययोजना शुरू की थी जिसमें धूलकण प्रदूषण, वाहन उत्सर्जन और खुले में कचरा जलाने की समस्याओं के समाधान पर बल दिया गया है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने राष्ट्रीय राजधानी में धूल-कण प्रदूषण की रोकथाम के लिए शनिवार को महीने भर का एक अभियान शुरू किया और कहा कि संबद्ध नियमों का उल्लंघन करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
केंद्र के वायु गुणवत्ता पैनल ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी के प्राधिकारों को विभिन्न होटल एवं रेस्तरां में कोयले के इस्तेमाल पर रोक लगाने तथा प्रदूषणकारी उद्योगों एवं ताप बिजली संयंत्रों के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया था क्योंकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गयी है।
यह कदम केंद्र सरकार की प्रदूषण नियंत्रण योजना के तहत उठाया गया है।
यह योजना ‘क्रमबद्ध प्रतिक्रिया कार्ययोजना’ के नाम से जानी जाती है और इसे सर्दियों के मौसम में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए लागू किया जाता है।
राय ने कहा कि खराब होती वायु गुणवत्ता के मद्देनजर ‘धूल-कण विरोधी अभियान’ शुरू किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें 500 वर्गमीटर से अधिक दूरी पर सभी स्थानों पर धूल-कण नियंत्रण उपकरण लगाया जाना शामिल है तथा वेबपोर्टल के माध्यम से वास्तविक समय पर उसकी निगरानी की जाएगी।’’
राय दिल्ली में बहुत अधिक वायु प्रदूषण वाले 13 स्थानों में शामिल वजीरपुर का निरीक्षण भी किया। उससे पहले निगरानी एजेंसियों ने वहां पीएम 10 में वृद्धि की रिपोर्ट दी थी।
अधिकारियों ने पर्यावरण मंत्री को बताया कि प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के पीछे की वजह अवैध पार्किंग, भीड़भाड़ एवं निर्माण कार्य है।
मंत्री ने सभी संबंधित विभागों को क्षेत्र में प्रदूषण कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि धूल-कण नियंत्रण नियमों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए 591 टीम गठित की गयी हैं, 530 ‘वाटर स्प्रिंकलर’ (जल छिड़काव मशीनों) की मदद ली जा रही है तथा 258 धूल-कण रोधी सचल उपकरणों की भी सेवा ली जाएगी।
राय ने कहा कि दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषण वाले 13 स्थानों के लिए अलग-अलग एवं विशिष्ट कार्ययोजनाएं तैयार की गयी हैं और उसके लिए 40 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों के वायु गुणवत्ता आंकड़ों को आधार बनाया गया है।
दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली में प्रदूषण कम करने के लिए सितंबर में 15 सूत्री कार्ययोजना शुरू की थी जिसमें धूलकण प्रदूषण, वाहन उत्सर्जन और खुले में कचरा जलाने की समस्याओं के समाधान पर बल दिया गया है।
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