जनता के लिए नए नए वादों के साथ नई सरकार आती हैं पर उनमें से कितने वादे पूरे हो पाते हैं. लेकिन चीन ने इस मामले में मिसाल कायम कर दी हैं. एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दारोमदार संभालने ही पिछले पांच सालों में चीन ने लगभग ६ करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला हैं. हालांकि, चीन की तरह ये संघर्ष भारत में भी जारी हैं लेकिन मोदी सरकार अभी तक ऐसा कुछ नहीं कर पाई हैं. चीन के राज्य परिषद कार्यालय की ओर से पब्लिश इस खबर में बताया गया हैं कि यह कम से कम १३ मिलियन की वार्षिक कटौती के बराबर था.
चीन में गरीबी दर साल २०१२ में १०.२ प्रतिशत से घटकर २०१७ में ३.१ प्रतिशत तक आ गई हैं, जो अभी तक एक रिकॉर्ड हैं. बता दें कि रिपोर्ट में यह भी कहा गया हैं कि चीन का उद्देश्य एक समृद्ध समाज बनाना हैं और साल २०२० तक इसे पूरी तरह से गरीबी मुक्त करना भी हैं. पिछले साल तक चीन में राष्ट्रीय गरीबी रेखा के नीचे ३० मिलियन चीनी आते थे. पिछले तीन दशकों से गरीबी से नीचे रह रहे ६०० मिलियन से ज्यादा हटा दिया गए हैं. इस रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया हैं कि साल २०१८ तक १० लाख लोग की गरीबी दूर कर दी जाएगी.
पिछले साल तक गरीबी रेखा के नीचे आने वाले लोगों का आंकड़ा ३०.४६ मिलियन था. गौरतलब हैं कि शी जिनपिंग का यह दूसरा कार्यकाल चल रहा हैं. गरीबी उन्मूलन के खिलाफ इन्होंने यह लड़ाई साल २०१३ में शुरू की थी. इन्होंने अपनी ही पार्टी के करीब १३ लाख पदाधिकारियों, १२० सरकारी अफसरों और २०० मंत्री स्तर के लोगों को सजा दी. इसके अलावा दर्जन भर उच्च रैंकिंग सैन्य अधिकारी, सरकारी कंपनियों के कई वरिष्ठ अधिकारियों और पांच राष्ट्रीय नेता इनमें शामिल हैं. चीन में कम्युनिस्ट शासन के इतिहास में यह भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा अभियान था| खबर दैनिक भास्कर