इसरो नेतृत्व और वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का है नतीजा है चंद्रयान-3 की सफलता : सोमनाथ
Creative Common भारतीय समयानुसार शाम करीब छह बजकर चार मिनट पर इसने चांद की सतह को छुआ। सोमनाथ ने रेखांकित किया कि यह इसरो नेतृत्व और वैज्ञानिकों की पीढ़ियों की मेहनत का नतीजा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह वह यात्रा है जो चंद्रयान-1 से शुरू हुई थी, जो चंद्रयान-2 में भी जारी रही और चंद्रयान-2 अब…