पोरबंदर लोकसभा सीट से लोकसभा में पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने मोदी 3.0 में बतौर श्रम और रोज़गार मंत्री पद की शपथ ली है। मंडाविया गुजरात से होने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी करीबी बताए जाते हैं। उनका जन्म 1 जुलाई 1972 को गुजरात के भावनगर में हुआ था।
गुजरात की पोरबंदर लोकसभा सीट से लोकसभा में पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने मोदी 3.0 में बतौर श्रम और रोज़गार मंत्री पद की शपथ ली है। मंडाविया गुजरात से होने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी करीबी बताए जाते हैं। उनका जन्म 1 जुलाई 1972 को गुजरात के भावनगर में हुआ था। सामान्य परिवार से आने वाले मनसुख के पिता एक साधारण किसान थे। मंडाविया गुजरात की राजनीति में अहम भूमिका रखने वाले पाटीदार समाज से आते हैं। चार भाइयों में मनसुख सबसे छोटे हैं।
अपने जीवन के शुरुआती दिनों में उन्होंने एबीवीपी और संघ के साथ लंबा समय बताया है। इसी के साथ मनसुख मंडाविया की राजनीतिक जीवन की यात्रा भी शुरू हो गई थी। पशु प्रेम के चलते उन्होंने पशु चिकित्सा विज्ञान का अध्ययन किया और राजनीति विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। पलिताना निर्वाचन क्षेत्र से मात्र 28 साल की उम्र में वे विधानसभा पहुंचे। मंडाविया राजनीति में यात्राओं की अहमियत को बखूबी समझते हैं। जिसके चलते उन्होंने साल 2005 में बतौर विधायक 123 किलोमीटर लंबी अपनी पहली पदयात्रा निकाली थी।
इसके बाद यह सिलसिला लंबे समय तक चलता रहा। मनसुख मंडाविया पहली बार 2012 में राज्यसभा पहुंचे, इसके बाद 2018 में पुनः उच्च सदन में पहुंचने का गौरव प्राप्त हुआ। कोरोना की जानलेवा लहर के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने हर्षवर्धन सिंह से इस्तीफा दिलवाकर उन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंप थी। इसके बाद उन्होंने कई ऐसे कदम उठाए जिसकी आज भी तारीफ होती है। जिसमें कई जरूरी दवाइयां का रेट कम होना या फिर स्टंट का प्राइस कम करना शामिल है।
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