दिल्ली में धारा 163 लगाए जाने पर भड़की AAP सरकार, बताया उपराज्यपाल का तुगलकी फरमान

 

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को नवरात्रि उत्सव के दौरान दिल्ली पुलिस के निषेधाज्ञा आदेश की आलोचना की। सौरभ भारद्वाज ने इसे तुगलकी फरमान करार दिया और इसे तत्काल वापस लेने का आह्वान किया। सोमवार को जारी आदेश में सार्वजनिक व्यवस्था पर चिंताओं का हवाला देते हुए, छह दिनों के लिए दिल्ली के प्रमुख क्षेत्रों में पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगाता है। यह निर्देश भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 (सीआरपीसी की पिछली धारा 144 की जगह) के अंतर्गत आता है।

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इसी आदेश को लेकर आम आदमी पार्टी उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर हमलावर है। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के लोगों को त्यौहार मनाने से रोकने के लिए एलजी ने तुगलकी आदेश दिया है। पूरी दिल्ली में एक मैसेज तेज़ी से फैल रहा है कि एलजी की दिल्ली पुलिस ने 5 लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगा दी है। पूरी दिल्ली में दुर्गा पूजा की जाती है, राम लीला होती है, भंडारे लगाये जाते हैं। क्या एलजी हिंदुओं को उनके त्यौहार मनाने से रोकना चाहते हैं? मैं, एलजी को कहना चाहता हूँ कि ऐसा होने वाला नहीं है।
दिल्ली सरकार के मंत्री ने कहा कि एलजी साहब भाजपा और कांग्रेस के नेताओं से छुप-छुपकर मिल रहे हैं। लेकिन वहीं जब दिल्ली के विधायक दिल्ली की बिगड़ी क़ानून व्यवस्था के विषय पर एलजी साहब से मिलना चाहते हैं तो उनके पास समय नहीं है। दिल्ली के गैंगस्टर अब तो भाजपा के नेताओं पर भी गोलियाँ चला रहे हैं। जहां पहले भाजपा वाले हर मुद्दे पर एलजी साहब को सुरक्षा देते थे, वही एलजी अब बीजेपी नेताओं की सुरक्षा नहीं कर पा रहे हैं।

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सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली में कर्फ़्यू लगाने का यह तुगलकी फ़रमान बेहद ही हास्यास्पद है। इस फ़रमान में कहा गया है कि हरियाणा, जम्मू-कश्मीर में चुनाव और गांधी जयंती को लेकर कर्फ़्यू लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एलजी साहब वोट देने गुजरात जाते हैं, दिल्ली में तो वो पर्यटक की तरह आते हैं, घूमते हैं, चिट्ठी लिखते हैं और चले जाते हैं। एलजी साहब से दिल्ली नहीं संभल रही है, इन्होंने दिल्ली का बेड़ागर्क कर दिया है। दिल्ली में गैंगस्टर्स फिरौती माँग रहे हैं, लोगों पर गोलियां चला रहे हैं। मैं हाथ जोड़कर एलजी साहब से कहता हूँ कि वो वापस गुजरात चले जाएं।

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