क्या तीन तलाक बिल के बाद मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में होगा सुधार
संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हस्ताक्षर से तीन तलाक बिल कानून बन जाएगा. मोदी सरकार अपने पिछले कार्यकाल में तीन तलाक बिल को संसद से पास कराने की जुगत में थी, लेकिन राज्यसभा में अल्पमत होने के कारण अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकी. हालांकि इस बार भी सरकार राज्यसभा में अल्पमत में थी, लेकिन सरकार इस बार बिल को पास कराने में कामयाब रही.
राज्यसभा में मंगलवार दोपहर १२ बजे के करीब कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने तीन तलाक बिल पेश करते हुए कहा कि आज का दिन सदन के लिए ऐतिहासिक हैं. उन्होंने आगे कहा कि २० से ज्यादा इस्लामिक देशों ने तीन तलाक प्रथा को बैन कर दिया हैं और अब भारत जैसे देश में भी यह लागू नहीं रह सकता. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे असंवैधानिक करार दिया हैं. सरकार की ओर से पेश तीन तलाक बिल पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मुस्लिम परिवारों को तोड़ना इस बिल का असल मकसद हैं.
सरकार मुस्लिम महिलाओं के नाम मुसलमानों को निशाना बना रही हैं. खैर, अब बिल पास हो चुका हैं और कुछ दिनों में राष्ट्रपति की ओर से हस्ताक्षर किए जाने के बाद यह कानून बन जाएगा. एक नजर डालते हैं कि तीन तलाक बिल की पाच खास बातों पर जिस कारण आलोचना करने वाले इसकी आलोचना कर रहे हैं तो समर्थन करने वाले इसी के सहारे मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में सुधार का दावा कर रहे हैं.
तीन तलाक बिल की पाच खास बातों
- तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत को पूरी तरह से गैर-कानूनी बना दिया
- शिकायत पर पुलिस बिना वारंट के ही आरोपी पति को गिरफ्तार कर सकती हैं
- तीन तलाक केस अगर अदालत में साबित हो गया तो पति को ३ साल की जेल मिलेगी
- मजिस्ट्रेट अब महिला का पक्ष सुने बिना उसके पति को जमानत नहीं दे सकेंगे
- पीड़ित महिला पति गुजारा भत्ते का दावा कर सकती हैं
संसद के दोनों सदनों में बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ऐतिहासिक करार दिया. साथ ही अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने भी मुस्लिम महिलाओं के लिए नए युग की शुरुआत के तौर पर माना और सदन के सदस्यों को धन्यवाद दिया. फिलहाल अब तीन तलाक बिल पास हो गया हैं और इससे जुड़े प्रावधान काफी कड़े हैं, लेकिन देखना होगा कि इससे क्या वाकई में मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में सुधार आती हैं और उन्हें उनके समाज में बराबरी का हक मिलेगी| खबर आजतक