‘जश्न के बीच कुछ चीजों को हाईलाइट नहीं किया गया’, राहुल को SC से मिले राहत पर Himanta Biswa Sarma का तंज

हिमंता ने ट्वीट कर कहा था कि दोहरेपन की पराकाष्ठा! जब आप दोषी पाए जाते हैं तो आप न्यायपालिका को गाली देते हैं, और जब वही न्यायपालिका आपको जमानत दे देती है, तो आप कहते हैं कि न्याय की जीत हुई है।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को ‘मोदी उपनाम’ मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत पर कटाक्ष जारी रखते हुए शीर्ष अदालत के आदेश के तीन वाक्यों की ओर इशारा किया, जिन्हें “हाइलाइट नहीं किया गया”। सरमा ने एक्स, जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था, पर लिखा, “सुप्रीम कोर्ट के फैसले के कुछ हिस्सों को कल तथाकथित जश्न के बीच उजागर नहीं किया गया।” 

– पैरा 8, माननीय सर्वोच्च न्यायालय का कहना है – राहुल गांधी के बयान अच्छे स्वाद में नहीं हैं; “सार्वजनिक जीवन में एक व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय कुछ हद तक संयम बरतने की अपेक्षा की जाती है और उसे अधिक सावधान रहना चाहिए। 

– आदेश में माननीय सर्वोच्च न्यायालय में राहुल गांधी के 2019 के अवमानना ​​​​मामले का स्पष्ट संदर्भ है, जिसमें बार-बार अपराधी के रूप में उनकी विश्वसनीयता को रेखांकित किया गया है।

– पैरा 12, माननीय सुप्रीम कोर्ट यह स्पष्ट करता है कि रोक निचली अदालत में चल रही अपील प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करेगी।

इससे पहले हिमंता ने ट्वीट कर कहा था कि दोहरेपन की पराकाष्ठा! जब आप दोषी पाए जाते हैं तो आप न्यायपालिका को गाली देते हैं, और जब वही न्यायपालिका आपको जमानत दे देती है, तो आप कहते हैं कि न्याय की जीत हुई है।

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