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पिछली मोदी सरकार में विदेश मंत्री रहे एस जयशंकर आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। उनकी बदौलत ही भारत ने विश्व के तमाम देशों के बीच छिड़े युद्धों के राजनियक निपटारों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉक्टर सुब्रमण्यम जयशंकर का जन्म 9 फरवरी 1955 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता कृष्णस्वामी सुब्रमण्यम एक नौकरशाह और माता सुलोचना सुब्रमण्यम एक शिक्षिका थीं। जयशंकर का पालन पोषण एक तमिल हिंदू परिवार में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के एयर फोर्स स्कूल और बेंगलुरु मिलिट्री स्कूल से पूरी की ।
जिसके बाद जयशंकर ने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से रसायन विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में परास्नातक और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में पीएचडी की उपाधि भी धारण की। प्रतिभा के धनी डॉक्टर जयशंकर सिर्फ 6 महीने की कड़ी मेहनत की बदौलत 1977 में भारतीय विदेश सेवा में शामिल हुए। अपने 38 साल के राजनयिक सफ़र में उन्होंने भारत और विदेश में विभिन्न पदों पर सेवायें दीं। इस दौरान वे सिंगापुर, चेक गणराज्य, चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका में राजदूत भी रहे।
उनके काम को देखते हुए 2019 में भारत सरकार ने उनको भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया। राजनीति में आने से पहले डॉक्टर जयशंकर 2014 से 2019 तक विदेश विभाग के कई महत्त्वपूर्ण पदों पर भी काम कर चुके हैं। जीवन में कभी भी प्रत्यक्ष राजनीति न करने वाले एस. जयशंकर को मोदी सरकार ने 2019 में अपनी द्वितीय पारी के दौरान कैबिनेट में शामिल किया। जहां से उनकी राजनीतिक यात्रा प्रारंभ हुई और वे देश के विदेश मंत्री जैसे जिम्मेदार पद पर आसीन हुए। 5 जुलाई 2019 को बीजेपी ने उन्हें गुजरात से राज्यसभा भेजकर संसद का सदस्य बनाया।
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गणतंत्र दिवस, 2026 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कार-2026 के लिए ऑनलाइन नामांकन/सिफारिशें आज, 15 मार्च 2025, से शुरू हो गई हैं। पद्म पुरस्कारों के नामांकन की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन/सिफारिशें राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल https://awards.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी। पद्म पुरस्कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्थापित, इन पुरस्कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। इन पुरस्कारों के अंतर्गत ‘उत्कृष्ट कार्य’ के लिए सम्मानित किया जाता है। पद्म पुरस्कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल है, पद्म पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं। सरकार पद्म पुरस्कारों को “पीपल्स पद्म” बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अत:, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन/सिफारिशें करें। नागरिक स्वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं। नामांकन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (citation) (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो। इस संबंध में विस्तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्ध हैं। इन पुरस्कारों से…