विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र इस बार कई नई दिशा और मुद्दों के साथ दिलचस्प साबित हो रहा है। इसके साथ ही अब राज्य में पुराने सहयोगी प्रतिद्वंद्वी हैं तो कुछ पूर्व विरोधी अब साथ में खड़े देख रहे हैं। हालांकि जाति, सामाजिक न्याय, रोजगार, विकास और कानून व्यवस्था जैसे बड़े मुद्दे हैं जो आम जनता के सरोकार से जुड़े हुए हैं। महाराष्ट्र में इस बार का 14वां विधानसभा चुनाव बेहद दिलचस्प होता दिख रहा है। कहने को तो राज्य में फिलहाल 2 गठबंधन में 6 प्रमुख पार्टियां सत्ता पक्ष और विपक्ष की भूमिका में मैदान में दिखतीं हैं। लेकिन मजबूरी ऐसी कि, यह सभी छह पार्टियों के सुर अलग-अलग ही सुने जा रहे हैं।
महाराष्ट्र की सत्ता में एक तरफ काबिज गठबंधन ‘महायुति’ में तीन दल- BJP, शिवसेना (शिंदे) और NCP(अजित पवार) हैं। इन तीनों पार्टियों की मराठा आरक्षण पर तीन राय हैं। कुछ ऐसा ही हाल विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी (MVA) का दिखता है, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और NCP (शरद पवार) हैं।
वडाला विधानसभा सीट और मतदाता समीकरण
इस विधानसभा सीट की बात करें तो यह महाराष्ट्र राज्य के 288 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। यह मुंबई शहर जिले में स्थित है और मुंबई दक्षिण मध्य संसदीय सीट के 6 विधानसभा क्षेत्रों में से एक मानी जाती है। वडाला विधानसभा सीट में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 18,178 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 8.26% है। वहीं यहां के अनुसूचित जनजाति मतदाताओं की संख्या को देखें तो लगभग 2,179 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 0.99% ही है। वहीं अगर मतदाता सूची का विश्लेषण करें तो वडाला विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 27,289 है जो लगभग 12.4% ही है।
यहां ग्रामीण मतदाताओं की संख्या एक भी नहीं है। वडाला विधानसभा में शहरी मतदाताओं को देखें तो यह संख्या लगभग 220,071 है जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 100% ही है। अब साल 2019 के संसदीय चुनाव को देखें तो वडाला विधानसभा में कुल 220071 मतदाता है. तब यहां मतदान केंद्रों की संख्या 224 थी। 2019 के संसदीय चुनाव में वडाला विधानसभा में मतदाता मतदान 59.62% रहा था । इसी तरह साल 2019 विधानसभा चुनाव में वडाला विधानसभा को मतदाता मतदान 49.35% रहा था।
आखिर कौन हैं कालिदास नीलकंठ कोलंबकर
जहां BJP ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए 99 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर चुकी है। वहीं इस सूची में शामिल और आठ बार के विधायक कालिदास नीलकंठ कोलंबकर ने कहा है कि, इस बार वह सिर्फ 9वीं बार ही चुनाव लड़ने नहीं जा रहे हैं बल्कि वे इस बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाने की राह पर भी हैं।