ANI
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि तीसरी बार वे(पीएम मोदी) सरकार तो बना रहे हैं लेकिन पहली बार वे गठबंधन की सरकार चला रहे हैं। जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री रहे तब गठबंधन नहीं था, जब 10 साल प्रधानमंत्री रहे तब भी गठबंधन नहीं। यह पहली बार है कि वे गठबंधन सरकार चला रहे हैं। इन्होंने पिछले 5 सालों में वह सब कुछ किया जिसका वे सालों से वादा करते आए थे चाहे वह धारा 370 हो, या राम मंदिर हो लेकिन इतना सब करने के बाद भी उनकी सीटें बढ़ने की बजाय कम हो गई। जो 400 पार की बात कर रहे थे वे 300 पार भी नहीं कर पाए। भाजपा को भी इसे एक हार की तरह लेना चाहिए।
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस नेता उमर अब्दुल्ला ने रियासी आतंकी हमले पर कहा कि यह कोई हैरानी की बात नहीं है कि आतंकी हमला हुआ है। इससे पहले भी मैंने कहा है कि जिन इलाकों को हमने पूरी तरह से आतंकवाद से आज़ाद किया था वहां फिर से आतंकवाद देखने को मिल रहा है, यही हाल पूंछ, राजौरी और अब रियासी में है। यहां जो उपराज्यपाल की हुकूमत है वह आंखें बंद करके चलते हैं, इन इलाकों में हालात खराब हुए लेकिन इन लोगों को थोड़ी भी फिक्र नहीं हुई, जो लोग यहां सामान्य स्थिति का दावा करते आए हैं उन्हें इसका जवाब देना चाहिए। हम हमेशा से कहते आए हैं कि यहां हालात सामान्य नहीं है, हमने हमेशा कहा कि धारा 370 के कारण यहां बंदूक नहीं आई लेकिन भाजपा वाले दावा कर रहे थे कि धारा 370 के कारण यह है। इस बंदूक को खामोश करने के लिए एक बातचीत का माहौल बनाना होगा और इसके लिए दोनों देशों को भूमिका निभानी होगी।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कहा कि रियासी जिले में एक बस पर हुआ आतंकवादी हमला जम्मू क्षेत्र में अशांति फैलाने की नापाक साजिश का हिस्सा है। जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में रविवार को आतंकवादियों ने तीर्थयात्रियों की एक बस पर गोलीबारी की, जिससे नौ लोगों की मौत हो गयी और 41 अन्य लोग घायल हो गये। बस शिव खोड़ी मंदिर से कटरा स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जा रही थी और इसी दौरान पोनी इलाके के तेरयाथ गांव के पास हमला किया गया और 53 सीट वाली बस गोलीबारी के बाद गहरी खाई में गिर गई।
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केन्द्रीय गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C) ने जनता को ऑनलाइन बुकिंग धोखाधड़ी के बारे में सचेत किया है। विशेष रूप से ऐसे मामलों को लेकर सचेत किया गया है, जिनमें देश में धार्मिक तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को निशाना बनाया जा रहा है। यह धोखाधड़ी नकली वेबसाइटों, भ्रामक सोशल मीडिया पेजों, फेसबुक पोस्ट और गूगल जैसे सर्च इंजनों पर Paid विज्ञापनों के माध्यम से की जा रही हैं। इन घोटालों में पेशेवर दिखने वाली लेकिन नकली वेबसाइटें, सोशल मीडिया प्रोफाइल और व्हाट्सएप खाते बनाकर निम्नलिखित सेवाओं की पेशकश की जाती है: * केदारनाथ, चार धाम के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग * तीर्थयात्रियों के लिए गेस्ट हाउस और होटल बुकिंग * ऑनलाइन कैब/टैक्सी सेवा बुकिंग * होलीडे पैकेज और धार्मिक यात्राएं संदेह किए बिना लोग इन पोर्टलों के माध्यम से भुगतान करने के बाद, अक्सर तब ठगे जाने का एहसास करते हैं जब बुकिंग की कोई पुष्टि या सेवा प्राप्त नहीं होती और संपर्क के लिए दिए गए नंबर पहुंच से बाहर (Unreachable) हो जाते हैं। लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है: 1. कोई भी भुगतान करने से पहले वेबसाइट की प्रामाणिकता की हमेशा जांच करें। 2. गूगल, फेसबुक या व्हाट्सएप पर “प्रायोजित” या अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से पहले सत्यापन करें। 3. बुकिंग केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टलों या विश्वसनीय ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से करें। 4. ऐसी वेबसाइटों की तुरंत शिकायत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल: www.cybercrime.gov.in पर करें या किसी धोखाधड़ी के मामले में 1930 पर कॉल करें। 5. केदारनाथ हेलीकॉप्टर बुकिंग https://www.heliyatra.irctc.co.in के माध्यम से की जा सकती है। 6. सोमनाथ ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट https://somnath.org है और गेस्ट हाउस बुकिंग उसी के माध्यम से की जा सकती है।…
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गणतंत्र दिवस, 2026 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कार-2026 के लिए ऑनलाइन नामांकन/सिफारिशें आज, 15 मार्च 2025, से शुरू हो गई हैं। पद्म पुरस्कारों के नामांकन की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन/सिफारिशें राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल https://awards.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी। पद्म पुरस्कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्थापित, इन पुरस्कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। इन पुरस्कारों के अंतर्गत ‘उत्कृष्ट कार्य’ के लिए सम्मानित किया जाता है। पद्म पुरस्कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल है, पद्म पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं। सरकार पद्म पुरस्कारों को “पीपल्स पद्म” बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अत:, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन/सिफारिशें करें। नागरिक स्वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं। नामांकन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (citation) (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो। इस संबंध में विस्तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्ध हैं। इन पुरस्कारों से…