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दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल शराब उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करने से पहले अपने परिवार और मंत्रियों के साथ पार्टी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मुझे चुनाव प्रचार के लिए 21 दिन की जमानत दी है। मैं इसके लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं। आज मैं फिर तिहाड़ जेल जा रहा हूं। मैंने इन 21 दिनों में से एक मिनट भी बर्बाद नहीं किया।’ मैंने सिर्फ आप के लिए ही नहीं बल्कि विभिन्न पार्टियों के लिए प्रचार किया।
केजरीवाल ने कहा कि मैं मुंबई, हरियाणा, यूपी, झारखंड गया…आप महत्वपूर्ण नहीं है, हमारे लिए देश महत्वपूर्ण है। मैं दिल्ली की जनता से कहना चाहता हूं कि मैं दोबारा जेल जा रहा हूं, इसलिए नहीं कि मैंने कोई घोटाला किया है, बल्कि इसलिए कि मैंने तानाशाही के खिलाफ आवाज उठाई है। पीएम मोदी ने देश के सामने ये बात मानी कि मेरे खिलाफ उनके पास कोई सबूत नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि 2024 लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल कल सामने आ गए हैं। लिखकर ले लीजिए, ये सभी एग्जिट पोल फर्जी हैं।’ एक एग्जिट पोल ने राजस्थान में बीजेपी को 33 सीटें दी थीं जबकि वहां केवल 25 सीटें हैं…असली मुद्दा यह है कि उन्हें मतगणना के दिन से 3 दिन पहले फर्जी एग्जिट पोल क्यों करना पड़ा। इसे लेकर कई सिद्धांत हैं, उनमें से एक यह है कि वे मशीनों (ईवीएम) में हेरफेर करने की कोशिश कर रहे हैं।
आप प्रमुख ने कहा कि पीएम मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा कि मेरा मानना है कि केजरीवाल के खिलाफ कोई सबूत या बरामदगी नहीं है क्योंकि वह एक अनुभवी चोर हैं। चलो मान लेते हैं कि मैं एक अनुभवी चोर हूं, आपके पास मेरे खिलाफ कोई सबूत या कोई बरामदगी नहीं है तो आपने बिना सबूत के मुझे जेल में डाल दिया?… उन्होंने पूरे देश को संदेश दिया कि क्या मैं उन्हें जेल में डाल सकता हूं? फर्जी मामले में तो आपका क्या रुख है? मैं किसी को भी गिरफ्तार करके जेल में डाल दूंगा। उन्होंने कहा कि मैं इस तानाशाही के खिलाफ लड़ रहा हूं और हमारा देश इस तरह की तानाशाही बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि भगत सिंह ने कहा था कि जब सत्ता तानाशाही बन जाती है तो जेल जिम्मेदारी बन जाती है। भगत सिंह देश को आजाद कराने के लिए फांसी पर चढ़ गए थे. इस बार जब जेल जा रहा हूं तो पता नहीं कब वापस आऊंगा… अगर भगत सिंह को फांसी हुई तो मैं भी फांसी पर चढ़ने को तैयार हूं।
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केन्द्रीय गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (I4C) ने जनता को ऑनलाइन बुकिंग धोखाधड़ी के बारे में सचेत किया है। विशेष रूप से ऐसे मामलों को लेकर सचेत किया गया है, जिनमें देश में धार्मिक तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को निशाना बनाया जा रहा है। यह धोखाधड़ी नकली वेबसाइटों, भ्रामक सोशल मीडिया पेजों, फेसबुक पोस्ट और गूगल जैसे सर्च इंजनों पर Paid विज्ञापनों के माध्यम से की जा रही हैं। इन घोटालों में पेशेवर दिखने वाली लेकिन नकली वेबसाइटें, सोशल मीडिया प्रोफाइल और व्हाट्सएप खाते बनाकर निम्नलिखित सेवाओं की पेशकश की जाती है: * केदारनाथ, चार धाम के लिए हेलीकॉप्टर बुकिंग * तीर्थयात्रियों के लिए गेस्ट हाउस और होटल बुकिंग * ऑनलाइन कैब/टैक्सी सेवा बुकिंग * होलीडे पैकेज और धार्मिक यात्राएं संदेह किए बिना लोग इन पोर्टलों के माध्यम से भुगतान करने के बाद, अक्सर तब ठगे जाने का एहसास करते हैं जब बुकिंग की कोई पुष्टि या सेवा प्राप्त नहीं होती और संपर्क के लिए दिए गए नंबर पहुंच से बाहर (Unreachable) हो जाते हैं। लोगों को अत्यधिक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है: 1. कोई भी भुगतान करने से पहले वेबसाइट की प्रामाणिकता की हमेशा जांच करें। 2. गूगल, फेसबुक या व्हाट्सएप पर “प्रायोजित” या अज्ञात लिंक पर क्लिक करने से पहले सत्यापन करें। 3. बुकिंग केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टलों या विश्वसनीय ट्रैवल एजेंसियों के माध्यम से करें। 4. ऐसी वेबसाइटों की तुरंत शिकायत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल: www.cybercrime.gov.in पर करें या किसी धोखाधड़ी के मामले में 1930 पर कॉल करें। 5. केदारनाथ हेलीकॉप्टर बुकिंग https://www.heliyatra.irctc.co.in के माध्यम से की जा सकती है। 6. सोमनाथ ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट https://somnath.org है और गेस्ट हाउस बुकिंग उसी के माध्यम से की जा सकती है।…
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गणतंत्र दिवस, 2026 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कार-2026 के लिए ऑनलाइन नामांकन/सिफारिशें आज, 15 मार्च 2025, से शुरू हो गई हैं। पद्म पुरस्कारों के नामांकन की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन/सिफारिशें राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल https://awards.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी। पद्म पुरस्कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्थापित, इन पुरस्कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। इन पुरस्कारों के अंतर्गत ‘उत्कृष्ट कार्य’ के लिए सम्मानित किया जाता है। पद्म पुरस्कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल है, पद्म पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं। सरकार पद्म पुरस्कारों को “पीपल्स पद्म” बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अत:, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन/सिफारिशें करें। नागरिक स्वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं। नामांकन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (citation) (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो। इस संबंध में विस्तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्ध हैं। इन पुरस्कारों से…