जेपी नड्डा को रक्षा मंत्रालय मिल सकता है। गृह मंत्री एक बार फिर से राजनाथ सिंह के पास जा सकता है। एस जयशंकर विदेश मंत्री ही रहेंगे। ऐसी स्थिति में निर्मला सीतारमण को दूसरा मंत्रालय दिया जाएगा। इसके अलावा जेपी नड्डा को राज्यसभा में नेता सदन बनाकर स्वास्थ्य मंत्रालय दिया जाता है तो उनके कद के हिसाब से हो सकता है।
मोदी 3.0 का शपथ ग्रहण हो चुका है और हर कोई इस बात का इंतजार कर रहा है कि नरेंद्र मोदी किसे फर्स्ट डाउन उतारेंगे। 2014 से 2019 के पोर्टफोलियो डिस्ट्रिब्यूशन में भी सीसीएस के अंदर कई चेहरों को बदला गया था। कई मंत्रियों के चेहरे बदले गए थे और उनके विभाग बदले गए थे। ऐसे में 2024 के पीएम अपने मंत्रिमंडल के गठन में कई चेहरों को बदल सकते हैं। माना जा रहा है कि सीसीएस में भी बदलाव देखने को मिल सकता है। जेपी नड्डा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और वो अगर मंत्री बने हैं तो उनको कोई कद्दावर पोर्टफोलियो ही दिया जाएगा। उन्हें सीसीएस में रखा जा सकता है। सीसीएस में इक्वेशन के हिसाब से अमित शाह को वित्त मंत्री की कमान मिल सकती है। इसके साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), एसएफआईओ (SFIO) जैसी प्रमुख जांच एजेंसियां शाह के अधीन हो सकती हैं।
जेपी नड्डा को रक्षा मंत्रालय मिल सकता है। गृह मंत्री एक बार फिर से राजनाथ सिंह के पास जा सकता है। एस जयशंकर विदेश मंत्री ही रहेंगे। ऐसी स्थिति में निर्मला सीतारमण को दूसरा मंत्रालय दिया जाएगा। इसके अलावा जेपी नड्डा को राज्यसभा में नेता सदन बनाकर स्वास्थ्य मंत्रालय दिया जाता है तो उनके कद के हिसाब से हो सकता है। ऐसी स्थिति में सीसीएस के चारों सदस्य अपने अपने पद पर रह सकते हैं। वित्त मंत्रालय को लेकर कई तरह के कयास चल रहे हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण रहेंगी या फिर इसमें कोई बदलाव होगा।
शाह के वित्त मंत्रालय संभालने के पीछे वजह?
आपको बता दें कि जब पूर्व बीजेपी नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली बीमार थे। उन्होंने उस वक्त पीएम मोदी से निर्मला सीतारमण को अगला वित्त मंत्री बनाने का अनुरोध किया था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तब प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी इच्छा पूरी की थी और सीतारमण को ये कमान मिली। हालांकि पीएम मोदी की वित्त मंत्री के रूप में पहली पसंद हमेशा से अमित शाह ही थे। इतना ही नहीं जब मोदी गुजरात के सीएम थे तो शाह ने वित्त मंत्री के रूप में कार्य संभाला था।
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