28 साल बाद दोषी करार दिए गए पूर्व IPS अफसर संजीव भट्ट, NDPS केस में 20 साल की सजा, 1996 में लगा था ये बड़ा आरोप

पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को झटका देते हुए गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनपुर की एक अदालत ने ड्रग-प्लांटिंग मामले में 1996 के अपराधों का दोषी ठहराया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जेएन ठक्कर की अदालत ने अभियोजन पक्ष के साथ-साथ बचाव पक्ष को भी सुना और गुरुवार को अपना फैसला सुनाते हुए एनडीपीसी केस में 20 साल की सजा सुना दी है। अभियोजन पक्ष ने अधिकतम 20 साल की सजा की दलील दी थी। भट्ट को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट की धारा 21 (सी), 27 ए (अवैध तस्करी के वित्तपोषण और अपराधियों को शरण देने के लिए सजा), 29 (एनडीपीएस अधिनियम के तहत अपराध करने के लिए उकसाना और आपराधिक साजिश), 58 (1) और ( 2) (कष्टप्रद प्रवेश, तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी)। उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 465 (जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज का उपयोग करना), 167 (चोट पहुंचाने के इरादे से लोक सेवक द्वारा गलत दस्तावेज तैयार करना), 204 (किसी दस्तावेज को छिपाना या नष्ट करना), 343 (गलत तरीके से दस्तावेज़ बनाना) के तहत भी दोषी ठहराया गया है। 

भट्ट उस मामले में मुकदमे का सामना कर रहे थे, जहां राजस्थान के एक वकील सुमेर सिंह राजपुरोहित को 1996 में पालनपुर के एक होटल में 1.15 किलोग्राम अफीम रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। भट्ट उस समय जिला पुलिस अधीक्षक थे और आईबी व्यास एक निरीक्षक थे। उस समय पालनपुर में स्थानीय अपराध शाखा में सह-अभियुक्त था। व्यास को 2021 में सरकारी गवाह बनाया गया था। अभियोजन पक्ष का आरोप है कि भट्ट ने “अन्य सह-अभियुक्तों” के साथ मिलकर राजस्थान के पाली निवासी राजपुरोहित को एनडीपीएस अधिनियम के तहत दंडनीय अफीम रखने के झूठे मामले में फंसाने की साजिश रची थी।

पुलिस ने मानी गलती

जब्ती के बाद व्यास द्वारा पालनपुर पुलिस स्टेशन में राजपुरोहित के खिलाफ एनडीपीएस अधिनियम की धारा 17 के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालाँकि, सीआरपीसी की धारा 169 (साक्ष्य की कमी होने पर आरोपी की रिहाई) के तहत अंततः व्यास द्वारा एक रिपोर्ट दायर की गई, जिसमें स्वीकार किया गया कि होटल के कमरे में रहने वाला व्यक्ति राजपुरोहित नहीं था। तदनुसार, राजपुरोहित को अदालत ने आरोपमुक्त कर दिया। पुलिस ने मामले में ‘ए’ सारांश रिपोर्ट भी दायर की।

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *