शनिवार को संदिग्ध उग्रवादियों ने मणिपुर के जिरीबाम में दो पुलिस चौकियों, वन विभाग के एक कार्यालय और कम से कम 70 घरों में आग लगा दी थी जससे वहां फिर से तनाव पैदा हो गया। मणिपुर में पिछले साल मई से जातीय हिंसा जारी है।
सिलचर। मणिपुर में हिंसा की ताजा घटनाओं से प्रभावित लोग आश्रय की तलाश में असम के कछार जिले में आ रहे हैं। स्थानीय विधायक कौशिक राय ने सोमवार को यह जानकारी दी। इस बीच पुलिस ने बताया कि अंतर-राज्यीय सीमा पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। शनिवार को संदिग्ध उग्रवादियों ने मणिपुर के जिरीबाम में दो पुलिस चौकियों, वन विभाग के एक कार्यालय और कम से कम 70 घरों में आग लगा दी थी जससे वहां फिर से तनाव पैदा हो गया। मणिपुर में पिछले साल मई से जातीय हिंसा जारी है।
सीमावर्ती इलाकों के निवासियों ने दावा किया कि पिछले चार दिन में जिरी नदी पार कर राज्य में प्रवेश करने वाले करीब 600 लोगों ने कछार जिले के लखीपुर के विभिन्न हिस्सों में शरण ली है। उन्होंने बताया कि मणिपुर से आए लोग जिरीघाट और लखीपुर के गांवों में शरण ले रहे हैं, हालांकि उनके लिए कोई सरकारी राहत शिविर नहीं खोला गया है। लखीपुर के विधायक कौशिक राय ने कहा, मणिपुर से आए लोगों को यहां सुरक्षित रहने दिया जा रहा है।
स्थानीय प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठा रहा है कि यहां कोई हिंसा नहीं हो। ’’ कछार के पुलिस अधीक्षक नोमल महतो ने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है। उन्होंने से कहा, कछार में किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है। सीमा पर जिरीघाट के साथ ही राष्ट्रीय राजमार्ग और आसपास के गांवों में पुलिस गश्त कर रही है। उन्होंने कहा कि असम की तरफ स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और पुलिस कड़ी निगरानी रख रही है।
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