ऑल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) अधिवक्ता प्रकोष्ठ ने सचिव आई एस इंबादुरई के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानूनों- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय के सामने प्रदर्शन किया।
चेन्नई। तमिलनाडु में चेन्नई समेत अन्य शहरों में बड़ी संख्या में वकीलों ने एक जुलाई से देशभर में लागू हुए तीन नए आपराधिक कानूनों के संस्कृतनिष्ठ हिंदी नामों के खिलाफ शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया और इन्हें तत्काल वापस लेने की मांग की। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) अधिवक्ता प्रकोष्ठ ने सचिव आई एस इंबादुरई के नेतृत्व में तीन नए आपराधिक कानूनों- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के खिलाफ मद्रास उच्च न्यायालय के सामने प्रदर्शन किया।
पूर्व विधायक इंबादुरई ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि इन कानूनों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि ये भ्रम पैदा करेंगे। द्रविड मुनेत्र कषगम (द्रमुक) अधिवक्ता प्रकोष्ठ के सचिव एन आर एलंगो ने यहां इसी तरह के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। एलंगो ने आरोप लगाया कि ये तीनों आपराधिक कानून ‘‘लोकतंत्र और संविधान विरोधी हैं क्योंकि इनका नाम हिंदी में है जो अनुच्छेद 348 के अनुसार नहीं किया जा सकता है।’’
एलंगो ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये अपराध के आरोपी व्यक्तियों और अपराध के पीड़ितों के हितों के भी खिलाफ हैं। इसलिए, इन्हें लागू नहीं किया जा सकता। इन्हें समाप्त किया जाना चाहिए और इन पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संसद को इन कानूनों पर पुनर्विचार करने की कवायद शुरू करनी होगी, अन्यथा द्रमुक की कानूनी शाखा और तमिलनाडु के अधिवक्ता समुदाय शांत नहीं बैठेंगे।
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