आज यानी की 03 अक्तूबर को भारतीय जनता पार्टी के केन्द्रीय जल शक्ति मन्त्री गजेंद्र सिंह शेखावत अपना 57वां जन्मदिन मना रहे हैं। गजेन्द्र सिंह शेखावत उर्फ गज्जू बन्ना की पहचान तेज-तर्रार नेता के रूप में की जाती है। वह बच्चों के बीच मिनिस्टर अंकल के नाम से भी फेमस है। बता दें कि अपनी बात को बेहतर तरीके से जनता के सामने रखने में माहिर जोधपुर के मंत्री शेखावत की गिनती भाजपा के अग्रिम नेताओं में की जाती है। तो आइए जानते हैं उनके बर्थडे के मौके पर गजेंद्र सिंह शेखावत के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में…
जन्म और शिक्षा
जैसलमेर के सीकर जिले के महरौली गांव में 03 अक्तूबर 1967 को गजेंद्र सिंह शेखावत का जन्म हुआ था। इनके पिता राजकीय सेवा करते थे, जिस कारण इनकी स्कूली शिक्षा अलग-अलग स्थानों पर हुई। वहीं पश्चिमी राजस्थान में शिक्षा का उच्च केंद्र रहे जेएनवीयू से शेखावत की छात्र राजनीति की शुरुआत हुई। उन्होंने साल 1992 में विद्यार्थी परिषद से विश्ववविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में जीत हासिल कर शेखावत ने विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व किया। वहीं स्नातक की शिक्षा के दौरान वह छात्रों के बीच रहे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में बतौर कार्यकर्ता कार्य करने लगे। गजेंद्र सिंह शेखावत ने दर्शनशास्त्र में स्नातकोत्तर किया है।
संघ से लगाव
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से शेखावत का गहरा लगाव हो गया। वह स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक और राजस्थान में सीमा क्षेत्र में विकास के लिए समर्पित सीमा जन कल्याण समिति के महासचिव भी रहे हैं। उन्होंने भारत-पाक सीमा पर 40 स्कूल और 4 छात्रावास खुलवाए। इसके अलावा उन्होंने पाकिस्तान के हिंदू विस्थापितों के लिए लंबे समय तक संघर्ष किया है। जब केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन बिल पारित किया। तो विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया। इस दौरान विपक्ष को जवाब देने वाले नेताओं में भाजपा के शेखावत की आवाज सबसे बुलंद थी।
वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शेखावत के साथ इस कानून को लेकर सबसे पहली रैली जोधपुर में की थी। वहीं साल 1992 में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए जोधपुर से गए कारसेवा जत्थे में भी शेखावत ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया था।
सक्रिय राजनीति का हिस्सा
बता दें कि सक्रिय राजनीति में आने के बाद शेखावत ने राजस्थान की जोधपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। उन्होंने साल 2014 में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता चन्द्रेश कुमारी को साढ़े चार लाख मतों से कारारी शिकस्त देकर पहली बार सांसद बने थे। फिर साल 2019 में वह संसदीय चुनाव में दोबारा जोधपुर सीट से प्रत्याशी बनें और उन्होंने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को 2.74 लाख वोटों से हराया था। वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय कृषि मंत्री और दूसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री के पद पर रहे।