कार्यक्रम के मुख्य अतिथि की आसंदी से प्रो. द्विवेदी ने कहा कि मोबाइल ने व्यक्ति के व्यवहार में बड़े पैमाने पर परिवर्तन किया है। आज की सबसे बड़ी आवश्यकता मीडिया साक्षरता है। लोगों को बताना पड़ेगा कि वे ‘फेक न्यूज’ और ‘हेट न्यूज’ से कैसे बच सकते हैं।
नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने राम जानकी संस्थान, दिल्ली द्वारा आयोजित दो दिवसीय पत्रकारिता कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि आज 99 फीसदी खबरें सोशल मीडिया से आ रही हैं। सभी के सामने यह संकट है कि किस खबर को सही मानें और किसे नहीं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जो लिखा जा रहा है और सूचना दी जा रही है, उसे भी मुख्यधारा के पत्रकारों का काम समझा जा रहा है, जबकि दोनों अलग हैं। इसी वजह से आज मीडिया लिटरेसी की जरुरत है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि की आसंदी से प्रो. द्विवेदी ने कहा कि मोबाइल ने व्यक्ति के व्यवहार में बड़े पैमाने पर परिवर्तन किया है। आज की सबसे बड़ी आवश्यकता मीडिया साक्षरता है। लोगों को बताना पड़ेगा कि वे ‘फेक न्यूज’ और ‘हेट न्यूज’ से कैसे बच सकते हैं। मीडिया साक्षरता को लेकर एक व्यापक अभियान की आवश्यकता है। युवाओं का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि फेक न्यूज से बचने का मूल मंत्र है, ‘बुरा न टाइप करो’, बुरा न लाइक करो और बुरा न शेयर करो।’
प्रो. द्विवेदी के अनुसार ऐसे समाचार या विचार, जो समाज में नफरत और निराशा फैला सकते हैं, उन्हें प्रकाशित करने से बचना चाहिए। समाज का हित और विकास ही पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य है और पत्रकारों को इसी दिशा में काम करना होगा। उन्होंने कहा कि आपके समाचार का समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका मूल्यांकन आपको स्वयं करना चाहिए। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की मर्यादा को ध्यान में रखकर पत्रकारों को समाज में तथ्य पेश करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि सूचना क्रांति ने पत्रकारिता के क्षेत्र को व्यापक और समृद्ध किया है। मीडिया को नकारात्मक पत्रकारिता के जाल में फंसने की बजाय, स्वस्थ पत्रकारिता सीखनी चाहिए और समाज में जो कुछ अच्छा काम हो रहा है, उसकी सूचना लोगों तक पहुंचानी चाहिए। कार्यक्रम में राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के पत्रकारिता विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.संजीव भानावत, आरजेएस के प्रमुख उदय कुमार मन्ना, सोमन कोर्सेज (कोलकाता), कवि अशोक मलिक, आकाशवाणी के उद्घोषक निसिथ कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
गणतंत्र दिवस, 2026 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कार-2026 के लिए ऑनलाइन नामांकन/सिफारिशें आज, 15 मार्च 2025, से शुरू हो गई हैं। पद्म पुरस्कारों के नामांकन की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2025 है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन/सिफारिशें राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल https://awards.gov.in पर ऑनलाइन प्राप्त की जाएंगी। पद्म पुरस्कार, अर्थात पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में शामिल हैं। वर्ष 1954 में स्थापित, इन पुरस्कारों की घोषणा प्रतिवर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है। इन पुरस्कारों के अंतर्गत ‘उत्कृष्ट कार्य’ के लिए सम्मानित किया जाता है। पद्म पुरस्कार कला, साहित्य एवं शिक्षा, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा, विज्ञान एवं इंजीनियरी, लोक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार एवं उद्योग आदि जैसे सभी क्षेत्रों/विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा के लिए प्रदान किए जाते हैं। जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के लिए पात्र हैं। चिकित्सकों और वैज्ञानिकों को छोड़कर अन्य सरकारी सेवक, जिनमें सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में काम करने वाले सरकारी सेवक भी शामिल है, पद्म पुरस्कारों के पात्र नहीं हैं। सरकार पद्म पुरस्कारों को “पीपल्स पद्म” बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अत:, सभी नागरिकों से अनुरोध है कि वे नामांकन/सिफारिशें करें। नागरिक स्वयं को भी नामित कर सकते हैं। महिलाओं, समाज के कमजोर वर्गों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों, दिव्यांग व्यक्तियों और समाज के लिए निस्वार्थ सेवा कर रहे लोगों में से ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तियों की पहचान करने के ठोस प्रयास किए जा सकते हैं जिनकी उत्कृष्टता और उपलब्धियां वास्तव में पहचाने जाने योग्य हैं। नामांकन/सिफारिशों में पोर्टल पर उपलब्ध प्रारूप में निर्दिष्ट सभी प्रासंगिक विवरण शामिल होने चाहिए, जिसमें वर्णनात्मक रूप में एक उद्धरण (citation) (अधिकतम 800 शब्द) शामिल होना चाहिए, जिसमें अनुशंसित व्यक्ति की संबंधित क्षेत्र/अनुशासन में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों/सेवा का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया हो। इस संबंध में विस्तृत विवरण गृह मंत्रालय की वेबसाइट (https://mha.gov.in) पर ‘पुरस्कार और पदक’ शीर्षक के अंतर्गत और पद्म पुरस्कार पोर्टल (https://padmaawards.gov.in) पर उपलब्ध हैं। इन पुरस्कारों से…
Habt ihr eure hausarbeit von Ghostwritern schreiben lassen bitte nur Erfahrungen? Studium, Universität, Student Unsere…
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज सभी को होली की शुभकामनाएं दीं। श्री मोदी ने…
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज डॉ. शंकर राव तत्ववादी जी के निधन पर शोक…
Erfahrungen im Ghostwriting Checkliste Anbieter und Agenturen "...entschuldigen Sie meine späte Antwort. Ich möchte mich bei…
भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (11 मार्च, 2025) बठिंडा में पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के…